तो क्यों न एनडीएमए को बंद कर देते- हाईकोर्ट
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) में अधिकारियों के खाली पदों को नहीं भरने पर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया। एनडीएमए में लंबे समय से...
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) में अधिकारियों के खाली पदों को नहीं भरने पर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया। एनडीएमए में लंबे समय से उपाध्यक्ष, सचिव सहित आधे से अधिक सदस्यों के पद खाली हैं जबकि एनआईडीएम में आधे से अधिक अधिकारियों के पद खाली है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर की पीठ ने सरकार से कहा कि यदि आप इन खाली पदों पर नियुक्ति नहीं कर सकते तो एनडीएमए और एनआइडीएम को भंग क्यों नहीं कर देते। हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय, एनडीएमए और एनआईडीएम को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। पीठ ने यह आदेश अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर दिया है। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को 23 सितंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा है। उसी दिन मामले की अगली सुनवाई होगी। अधिवक्ता बंसल ने पीठ को बताया कि एनडीएमए में लगभग दो साल से उपाध्यक्ष, सचिव के साथ-साथ 6 सदस्यों का पद खाली है। उन्होंने बताया कि एनआईडीएम में आधे से अधिक पद लंबे से समय खाली है। इससे कामकाज पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है।