अपडेट : सुल्ली डील्स मामले में ऐप निर्माता ठाकुर की जमानत याचिका खारिज
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता सुल्ली डील्स ऐप बनाने के कथित आरेापी ओंकारेश्वर ठाकुर की...
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता
सुल्ली डील्स ऐप बनाने के कथित आरेापी ओंकारेश्वर ठाकुर की जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी। पटियाला हाउस स्थित मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट वसुंधरा छौंकर की अदालत ने आरोपी की याचिका नामंजूर करते हुए कहा कि मामला बेहद गंभीर है। अभी और लोगों की गिरफ्तारी संभव है। इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए आरोपी को जमानत पर नहीं छोड़ा जा सकता।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की विशेष यूनिट ने जांच के दौरान बुल्ली बाई ऐप के मास्टरमाइंड नीरज बिश्नोई से पूछताछ के आधार पर ओंकारेश्वर को पिछले सप्ताह इंदौर से गिरफ्तार किया था। अदालत ने कहा कि मामले की जांच अभी शुरुआती चरण में है। और एमएलएटी प्रक्रिया के उपरांत काफी प्रयासों के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने जानबूझकर अपनी पहचान छिपाने के लिए टॉप ब्राउजर का इस्तेमाल किया था। अदालत के मुताबिक इस वक्त आरोपी को जमानत देने से निष्पक्ष जांच पर असर पड़ेगा। इसलिए, अदालत की राय में आरोपी इस स्तर पर जमानत का हकदार नहीं है।
मालूम हो कि जुलाई 2021 में जीथब प्लेटफॉर्म पर विशेष समुदाय की महिलाओं की नीलामी के लिए सुल्ली डील्स ऐप बनाया गया था। मामला तब सामने आया जब दिल्ली पुलिस ने स्वत: संज्ञान लिया। पुलिस पिछले छह महीने से मामले की जांच कर रही है लेकिन पहली गिरफ्तारी बुल्ली बाई ऐप मामले के कथित मास्टरमाइंड नीरज बिश्नोई के असम से पकड़े जाने के बाद हुई। पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि बुली बाई मास्टरमाइंड नीरज बिश्नोई और ओंकारेश्वर ठाकुर चैट रूम के माध्यम से इंटरनेट पर एक-दूसरे से जुड़े हैं। इस मामले में दिल्ली महिला आयोग ने गहरी आपत्ति जताई थी। साथ ही पुलिस को जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए नोटिस जारी किया था। वहीं, एक नए ऐप बुल्ली बाई के जरिये भी समुदाय विशेष की महिलाओं को बदनाम किया गया।