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अवैध निर्माण की वजह से दिल्ली में रहना खतरनाक

तेजी से बढ़ते अवैध निर्माण पर चिंताजनक बताते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि इसकी वजह से अब राजधानी रहने के लिहाज से खतरनाक बन गई है। इसके साथ ी हाईकोर्ट ने तीनों नगर निगमों का एकीकरण की वकालत की है।...

अवैध निर्माण की वजह से दिल्ली में रहना खतरनाक
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीFri, 04 Aug 2017 11:11 PM
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तेजी से बढ़ते अवैध निर्माण पर चिंताजनक बताते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि इसकी वजह से अब राजधानी रहने के लिहाज से खतरनाक बन गई है। इसके साथ ी हाईकोर्ट ने तीनों नगर निगमों का एकीकरण की वकालत की है। हाईकोर्ट ने कहा है कि दिल्ली नगर निगम को तीन भागों में विभाजीत किए जाने के बाद भी अवैध निर्माण पर लगाम नहीं लगी है, ऐसे में इसका एकीकरण करना ही बेहतर होगा। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी. हरि. शंकर की पीठ ने अवैध निर्माण पर लगाम लगाने में विफल रहने पर उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी नगर निगमों को आड़े हाथ लिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि अवैध एवं अनाधिकृत निर्माण के खिलाफ ढेरों जनहित याचिकाएं लंबित है और इससे पता चलता है कि नगर निगमों ने किसी भी कानून का ठीक से पालन नहीं किया। हाईकोर्ट ने कहा है कि अवैध निर्माण की वजह से दिल्ली रहने के लिहाज से खतरनाक शहर बन गई है। हाईकोर्ट ने कहा है कि समय समय पर संशोधित किए गए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) अधिनियम 2006 कि ‘आड़ में पूरी तरह से अवैध तथा अंधाधुंध अनाधिकृत निर्माण जारी है। इस कानून को आखिरी बार दिसंबर, 2014 में लोकसभा में संशोधित किया गया अधिनियम एक जून, 2014 तक हुए सभी अनाधिकृत निर्माणों को किसी भी तरह की तोड़फोड़ दंडात्मक कार्रवाई से बचाता है। इस संशोधन से पहले आठ फरवरी, 2007 तक किए गए अनाधिकृत निर्माण ही कार्रवाई के दायरे में नहीं आते थे। हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी दक्षिण दिल्ली के महरौली इलाके में जारी अवैध व अनाधिकृत निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर दाखिल याचिका सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की है। इस मामले में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की ओर से अधिवक्ता कुशल कुमार ने पीठ को बताया कि जिस व्यक्ति पर अवैध निर्माण करने का आरोप लगाया गया है उसने निर्माण के लिए आनलाइन आवेदन दाखिल करके मंजूरी प्राप्त की है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 8 अगस्त को होगी।

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