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सहूलियत: दिल्ली को दो हजार नई बसें जल्द

सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करने और बसों की कमी दूर करने के लिए दिल्ली को 2000 नई बसें मिलेंगी। इनमें से 1000 बसें डीटीसी और 1000 बसें कलस्टर के तहत लाई जाएगी। दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने इस...

सहूलियत: दिल्ली को दो हजार नई बसें जल्द
प्रमुख संवाददाता,नई दिल्लीSat, 10 Jun 2017 07:38 PM
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सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करने और बसों की कमी दूर करने के लिए दिल्ली को 2000 नई बसें मिलेंगी। इनमें से 1000 बसें डीटीसी और 1000 बसें कलस्टर के तहत लाई जाएगी। दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने इस संबंध में कैबिनेट नोट तैयार किया है। इस प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी के लिए कैबिनेट में पेश किया जाएगा। 

कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही नई बसों को बेड़े में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सरकार ने परिवहन विभाग को इस प्लान पर तेजी से काम करने के आदेश दिए हैं। बसों की कमी की वजह से ही दिल्ली में निजी गाड़ियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। डीटीसी बसों के अतिरिक्त दिल्ली में कलस्टर बसें भी पर्याप्त संख्या में नहीं हैं।

जरूरत पड़ने पर नए कर्मचारी भर्ती करेंगे 
आम जनता की परेशानियों को कम करने के लिए दो हजार बसें खरीदी जाएंगी। इस बाबत प्रस्ताव जल्द ही मंजूरी के लिए कैबिनेट की मीटिंग में रखा जाएगा। डीटीसी बसों के संचालन के लिए जरूरत पड़ने पर नए कर्मचारी भी भर्ती किए जाएंगे।
कैलाश गहलोत, परिवहन मंत्री दिल्ली

अभी क्या स्थित है 
4121 बसें इस समय हैं
3781 लो फ्लोर बसें 
1275 लो फ्लोर एसी बसें
2506 लो फ्लान नॉन एसी बसें

गांवों को दो सप्ताह में राहत देने की तैयारी
दिल्ली देहात में बसों की सबसे खराब हालत है। इन क्षेत्रों तक बसों को पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार ने नई योजना बनाई है। इसके तहत इन क्षत्रों को संतरी बस सेवा से जोड़ा जाएगा। सभी ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने के लिए डिम्टस को आदेश दिए गए हैं और दो सप्ताह में यहां राहत मिल सकेगी। अब तक डीटीसी इन जगहों पर अपनी पुरानी बसों से सेवाएं दे रहा है। ये बसें अब चलने की हालत में नहीं हैं, इसलिए इन्हें अब मार्ग से हटा दिया गया है। इसके बाद से ही इलाके में बस प्रबंधन बिगड़ गया है। सबसे पहले सीधे दिल्ली के प्रमुख मार्ग को जोड़ने वाले वे रूट चलाए जाएंगे, जो बसों की कमी से बंद कर दिए गए थे। इन क्षेत्रों में पुरानी बसों के संचालन की एक बड़ी वजह यह भी थी कि इन मार्गों की हालत खराब थी। 

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