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पहाड़ों पर पर्यटकों को देना पड़ सकता है कूड़ा प्रबंधन टैक्स

पहाड़ों पर पर्यटकों को देना पड़ सकता है कूड़ा प्रबंधन टैक्स

संक्षेप: पहाड़ों पर आने वाले पर्यटकों को शहर में प्रवेश करते समय कूड़ा प्रबंधन टैक्स देना पड़ सकता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने स्थानीय निकायों को पर्यटकों से कूड़ा प्रबंधन शुल्क वसूलने का सुझाव दिया...

Thu, 4 Sep 2025 08:47 PMNewswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्ली
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पहाड़ों पर घूमने जाने वाले पर्यटकों को शहर में प्रवेश करते समय ही कूड़ा प्रबंधन टैक्स देना पड़ सकता है। हिल स्टेशनों को गंदगी से बचाने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने स्थानीय निकायों और पंचायतों को पर्यटकों से कूड़ा प्रबंधन टैक्स वसूलने का सुझाव दिया है। ‌एनजीटी के न्यायिक सदस्य जस्टिस अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल की पीठ के समक्ष पेश अपनी रिपोर्ट में सीपीसीबी ने ठोस कचरा प्रबंधन नियमों का विस्तार से जानकारी देते हुए कहा है कि हिल स्टेशनों पर कूड़ा प्रबंधन की प्राथमिक जिम्मेदारी स्थानीय निकाय और पंचायत की है। इसके साथ ही कहा कि ठोस कचरा प्रबंधन नियम के तहत स्थानीय निकायों की जिम्मेदारी है कि वह इसके तहत उपनियम बनाकर स्थानीय लोगों और पर्यटकों को सड़कों पर कचरा फैलाने से रोके।

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सीपीसीबी ने कहा कि स्थानीय निकाय उपनियमों के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के प्रावधानों की जानकारी पर्यटकों को पर्यटन स्थलों के प्रवेश द्वार पर ही दे। साथ ही होटलों, गेस्ट हाउसों या उनके ठहरने के स्थानों के माध्यम से और पर्यटन स्थलों पर उपयुक्त होर्डिंग भी लगाए। रिपोर्ट में कहा गया कि स्थानीय निकाय या पंचायत शहर के प्रवेश द्वार पर ही पर्यटकों से ठोस कचरा प्रबंधन शुल्क वसूल सकता है। सीपीसीबी ने एनजीटी 5 जून के आदेश के अनुपालन में यह रिपोर्ट पेश की है। पहाड़ों पर नहीं होने चाहिए लैंडफिल सीपीसीबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कानून में यह प्रावधान है कि पहाड़ों पर लैंडफिल के निर्माण से बचा जाना चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया कि नियमों के तहत कूड़े समुचित निपटान/प्रसंस्करण सुविधा से अवशिष्ट अपशिष्ट और निष्क्रिय अपशिष्ट एकत्र करने के लिए एक उपयुक्त संलग्न स्थान पर एक स्थानांतरण स्टेशन स्थापित किया जाना चाहिए। 16 में से 6 लैंडफिल को किया गया साफ रिपोर्ट में सीपीसीबी ने एक अन्य मामले का हवाला देते हुए कहा कि 16 पुराने लैंडफिल स्थलों में से 2,48,381 टन कूड़े का निपटान किया जाना है। इसमें कहा गया है कि केवल 6 स्थलों (सुंदर नगर, सरकाघाट, बैजनाथ, डलहौजी और रिवालसर) को पूरी तरह से साफ किया गया था।