नई दिल्ली। कार्यालय संवाददाता
पूर्वी दिल्ली के मंडावली इलाके से कार सवार बदमाशों ने एक युवक का अपहरण कर लिया। बदमाशों ने खुद को क्राइम ब्रांच का बताकर कारोबारी को झांसे मे लिया था। परिजनों से पांच लाख की फिरौती मांगने और बाद में तीन लाख लेने के बाद युवक को चार दिन बाद शुक्रवार को छोड़ दिया। पुलिस अपहरण का मामला दर्ज कर जांच कर रही है।
पुलिस के अनुसार, पीड़ित 30 वर्षीय ज्ञानेश्वर मिश्रा परिवार के साथ पांडव नगर इलाके में रहते हैं। वह इलेक्ट्रानिक सामान की सप्लाई करते हैं। ज्ञानेश्वर के ससुर दुर्गेश शुक्ला ने बताया कि 24 नवंबर को उनके दामाद ज्ञानेश्वर मिश्रा का हसनपुर डिपो के पास से कार सवार बदमाशों ने खुद को क्राइम ब्रांच वाले बताकर अपहरण कर लिया। इसके बाद अगले दिन ज्ञानेश्वर ने अपने चचरे भाई योगेश, पिता समापति व उनके पास फोन कर पांच लाख रुपये की मांग की। इस दौरान एक बैंक खाते का नंबर भी भेजा। दुर्गेश ने दो लाख रुपये भेज दिए। इसके बाद बाकी के रुपये की मांग की गई। 26 को दुर्गेश ने करीब 50 हजार रुपये और डाले। वहीं आरोपियों ने ज्ञानेश्वर के एटीएम कार्ड से करीब 50 हजार रुपये निकाल लिए। दुर्गेश ने मामले की शिकायत पुलिस से की। पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। इस बीच शुक्रवार रात करीब 11 बजे ज्ञानेश्वर अपने घर आ गए। पुलिस अब ज्ञानेश्वर से पूछताछ कर पूरे मामले की जांच कर रही है। जांच मंडावली थाने के साथ जिले के स्पेशल स्टाफ की टीम कर रही है। फिलहाल आरोपियों के बारे में कुछ पता नहीं चल सका है।
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ओखला में मिली थी लोकेशन
पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद जांच शुरू की तो ज्ञानेश्वर के मोबाइल की लोकेशन ओखला के एक मकान की मिली। हालांकि, पुलिस ने उस मकान की तलाशी ली, मगर वहां ज्ञानेश्वर नहीं मिले थे। साथ ही परिजनों ने भी उस मकान की तलाशी ली थी। वहीं ज्ञानेश्वर के एटीएम कार्ड से 25 हजार रुपये निकाले गए हैं और करीब 24 हजार रुपये की खरीदारी की गई है। पुलिस इन दोनों लोकेशन पर सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है।
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सीसीटीवी फुटेज में वारदात कैद
ज्ञानेश्वर के ससुर दुर्गेश ने बताया कि पुलिस ने घटना स्थल की जांच की। इस दौरान आरोपी उनके बदमाश को कार में लेकर जाते हुए कैद मिले हैं, लेकिन फुटेज में कार का नंबर दिखाई नहीं दे रहा है। पुलिस आसपास के अन्य सीसीटीवी फुटेज के जरिए आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। वहीं ज्ञानेश्वर ने परिजनों को बताया है कि उनका अपहरण करने वाले आरोपियों को वह नहीं जानते हैं।
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वारदात के दिन दिल्ली आ रही थी पत्नी
ज्ञानेश्वर की पत्नी अपने मायके उत्तर प्रदेश के देवरिया गई थी। 24 नवंबर को ही दुर्गेश अपनी बेटी को लेकर दिल्ली दामाद के पास आ रहे थे। ज्ञानेश्वर ने ही ट्रेन का टिकट कराकर भेजा था। लेकिन जाम की वजह से गोरखपुर से ट्रेन छूट गई। इसके बाद वह बस से बेटी को लेकर दिल्ली के लिए निकले। अगले दिन जब दिल्ली पहुंचे तो पता चला कि उनके दामाद ज्ञानेश्वर का अपहरण हो चुका है। फिरौती के लिए फोन आने लगे।