Hindi NewsNcr NewsDelhi NewsTensions Escalate Between Pakistan and Afghanistan Over TTP Violence

अफगानिस्तान संघर्ष पैकेज::टीटीपी आतंकियों द्वारा अफगान की धरती का इस्तेमाल से बिगड़े दोनों देशों के रिश्ते

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव का मुख्य कारण तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) है। हाल के हमलों में 500 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। पाकिस्तान ने टीटीपी के खिलाफ एयरस्ट्राइक की, और अफगानिस्तान पर...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 12 Oct 2025 04:07 PM
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अफगानिस्तान संघर्ष पैकेज::टीटीपी आतंकियों द्वारा अफगान की धरती का इस्तेमाल से बिगड़े दोनों देशों के रिश्ते

नोट: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच गोलीबारी की मुख्य खबर के साथ ले सकते हैं दोनों देशों की 2600 किलोमीटर लंबी सीमा, इसे डूरंड रेखा के नाम से जाना जाता है नई दिल्ली, एजेंसी। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव की सबसे बड़ी वजह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान(टीटीपी) है। टीटीपी आतंकियों द्वारा अफगानिस्तान की धरती के इस्तेमाल की वजह से दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ गए हैं। टीटीपी आतंकवादियों ने हाल के महीनों में अफगानिस्तान की सीमा से लगे पहाड़ी इलाकों में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के खिलाफ हिंसा का अपना अभियान तेज कर दिया है। रिपोर्ट बताते हैं कि जनवरी से 15 सितंबर के बीच हुए हमलों में 311 सैनिकों और 73 पुलिसकर्मियों सहित 500 से ज्यादा लोग मारे गए हैं।

इसके जवाब में पिछले दिनों पाकिस्तानी सेना ने एयरस्ट्राइक किया था। संघर्ष नई बात नहीं पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संघर्ष कोई नई बात नहीं है। 2021 के बाद से कई बार दोनों पक्ष आमने-सामने आ चुके हैं। पाकिस्तान ने अफगाानिस्तान पर अपनी धरती पर टीटीपी को पनाह देने का आरोप लगाया है। पाकिस्तान के अनुसार, अफगान तालिबान टीटीपी का समर्थन करता है और उसे अपनी धरती से आतंकी हमले करने की अनुमति देता है। अमेरिका स्थित एक गैर-लाभकारी संगठन (एनजीओ), आर्म्ड कॉन्फ्लिक्ट लोकेशन एंड इवेंट डेटा (एसीएलईडी) की रिपोर्ट के अनुसार, टीटीपी ने 2024 में पाकिस्तानी सेना पर 600 से ज्यादा हमले किए हैं। क्या है टीटीपी? टीटीपी एक घोषित आतंकी संगठन है। यह संगठन 2000 के दशक से सक्रिय है। टीटीपी का उद्देश्य पाकिस्तान सरकार को उखाड़ फेंकना है। इसकी स्थापना बैतुल्लाह महसूद द्वारा की गई थी। टीटीपी मुख्यतः पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में सक्रिय है। अमेरिकी रक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इस समूह में वर्तमान में 3 हजार से 4 हजार लड़ाके हैं। अभी टीटीपी का नेतृत्व नूर वली महसूद कर रहा है। तालिबानी विचारों से प्रेरित टीटीपी पाकिस्तान में पूर्ण शरिया चाहता है। यह अमेरिका के साथ पाकिस्तान के गठबंधन के भी खिलाफ है। तालिबान सरकार से मिलती है सहायता इस साल संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि टीटीपी को काबुल में तालिबान सरकार के अधिकारियों से पर्याप्त रसद और अन्य सहायता मिलती है। 2600 किलोमीटर लंबी सीमा पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच की सीमा को डूरंड रेखा के नाम से जाना जाता है। इसकी लंबाई लगभग 2,611 किलोमीटर है। यह रेखा पश्तून और बलूच जनजातीय क्षेत्रों से होकर गुजरती है और दोनों देशों के बीच तनाव का एक प्रमुख ऐतिहासिक और भू-राजनीतिक कारण बनी हुई है, क्योंकि अफगानिस्तान इसे वैध अंतरराष्ट्रीय सीमा के रूप में मान्यता नहीं देता है। भारत पर भी असर संभव दोनों देशों के बीच तनाव से भारत की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की भारत यात्रा और दोनों देशों के संयुक्त बयान पर पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस बयान को लेकर इस्लामाबाद में अफगानिस्तान के राजदूत से विरोध जताया है। इसके अलावा अफगान विदेश मंत्री मुत्तकी के पाकिस्तान और आतंकवाद पर दिए गए बयान पर भी नाराजगी जताई है। दोनों देशों के बीच तनाव और भारत से नजदीकी से परेशानी बढ़ सकती है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान में कौन कितना ताकतवर ग्लोबल फायरपावर की 2025 की मिलिट्री स्ट्रेंथ रैंकिंग के अनुसार पाकिस्तान के पास दुनिया की 12वीं ताकतवर सेना है। पाकिस्तान: रक्षा खर्च: 10.2 अरब डॉलर कुल सैन्य ताकत: 1,704,000 कमज्ञी सैन्य विमा: 1399 टैंक: 1839 नौसेना के पास संसाधन: 121 परमाणु हथियार पाकिस्तान परमाणु शक्ति संपन्न देश है। इंटरनेशनल कैम्पेन टू एबॉलिश न्यूक्लियर वेपन्स के अनुसार, 2023 में दुनिया ने 91.4 अरब डॉलर परमाणु हथियारों पर खर्च किए। इनमें पाकिस्तान ने अरब डॉलर खर्च किए। पाकिस्तान के पास मुख्य रूप से मोबाइल शॉर्ट और मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइलें हैं। अफगानिस्तान की ताकत मिलिट्री स्ट्रेंथ रैंकिंग में अफगानिस्तान 145 देशों में 118वें स्थान पर है। 2021 में अमेरिका समर्थित अफगान नेशनल आर्मी के पतन के बाद से तालिबान की सेना हल्के हथियारों से लैस है। देश के पास न तो कोई एयरफोर्स, नेवी और न ही कोई आधुनिक तोपखाना है। सैन्य ताकत सैनिक: 80 हजार अर्धसैनिक बल: 30 हजार हथियार मुख्य टैंक: 50 से अधिक (कब्जा या विरासत में मिले) बख्तरबंद वाहन: 300 से अधिक तोपखाना : 200 से अधिक लड़ाकू विमान: 40 से अधिक हेलीकॉप्टर: 30 ट्रांसपोर्ट वाले विमान: 15

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