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अंगों के साथ छेड़छाड़ भी दुष्कर्म के समान : केरल हाईकोर्ट

अंगों के साथ छेड़छाड़ भी दुष्कर्म के समान : केरल हाईकोर्ट कोच्चि, एजेंसी ...

अंगों के साथ छेड़छाड़ भी दुष्कर्म के समान : केरल हाईकोर्ट
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीThu, 05 Aug 2021 06:40 PM
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अंगों के साथ छेड़छाड़ भी दुष्कर्म के समान : केरल हाईकोर्ट

कोच्चि, एजेंसी

केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि पीड़िता की जांघों के बीच की गई कोई भी गलत हरकत भी दुष्कर्म के समान है। हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के अपराध के दोषी की अपील पर सुनाए गए फैसले में यह टिप्पणी की। इस मामले में निचली अदालत ने एक व्यक्ति को बलात्कार का दोषी ठहराया था, क्योंकि उसने अपने पड़ोस में रहने वाली नाबालिग लड़की के शरीर के विभिन्न अंगों के साथ गलत तरीके से छेड़छाड़ करके उसका यौन उत्पीड़न किया था।

न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति जियाद रहमान की पीठ ने सोमवार को फैसला सुनाया, पीड़िता की जांघों के बीच में यौनाचार जैसा कोई भी कृत्य महिला के शरीर के साथ छेड़छाड़ है और यह दुष्कर्म के अपराध के समान है। जब इस प्रकार जांघों के बीच यौनाचार जैसा कोई कृत्य किया जाता है तो वह निश्चित तौर पर आईपीसी की धारा 375 के तहत परिभाषित बलात्कार के समान होगा। अदालत ने कहा, अपीलकर्ता द्वारा किया गया यौन कृत्य आईपीसी की धारा 375 (सी) के साथ ही धारा 376 (1) के तहत अपराध को आकर्षित करने के लिए पर्याप्त है। अदालत ने आदेश में कहा, सत्र अदालत द्वारा धारा 354 और 354ए (1)(आई) के तहत पारित सजा की पुष्टि की जाती है। ये सजाएं साथ-साथ चलेंगी। दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

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