प्रशिक्षण में दिव्यांग हुए कैडेटों को ईसीएचएस सुविधा मिलेगी : केंद्र
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिव्यांगता के कारण सैन्य संस्थानों से निकाले गए कैडेटों को पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) के तहत चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। पंजीकरण 15...

केंद्र ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि वह प्रशिक्षण के दौरान दिव्यांगता के कारण सैन्य संस्थानों से निकाले गए कैडेटों को ‘पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) के तहत चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करेगा। न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने सूचित किया कि 29 अगस्त से ऐसे सभी कैडेटों को ईसीएचएस योजना में शामिल कर लिया गया है। भाटी ने बताया कि उनके लिए एकमुश्त सदस्यता शुल्क भी माफ कर दिया गया है। इस दलील पर गौर करते हुए शीर्ष अदालत ने केंद्र को निर्देश दिया कि पंजीकरण 15 सितंबर तक पूरा कर लिया जाए।
अदालत ने इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता रेखा पल्ली को न्यायमित्र नियुक्त किया। पीठ ने कहा कि भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के सैनिक कल्याण विभाग ने सभी दिव्यांग 'आउटबोर्ड कैडेटों' को ईसीएचएस के रूप में चिकित्सा सुविधा प्रदान की है, जिसके लिए कोई सदस्यता शुल्क नहीं लिया जाता। वर्तमान में अधिकारियों द्वारा देय 1,20,000 रुपये का एकमुश्त सदस्यता शुल्क ऐसे दिव्यांग/आउटबोर्ड कैडेटों से नहीं लिया जाता। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह सराहनीय है। शीर्ष अदालत ने दलीलों पर गौर किया और मामले की सुनवाई सात अक्टूबर के लिए टाल दी।

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