शीर्ष कोर्ट ने मौत की सजा का दोषी बरी किया
सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में सात साल की बच्ची के यौन उत्पीड़न और हत्या के मामले में मौत की सजा पाए व्यक्ति को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मामले में एकतरफा तरीके से मुकदमा चलाया गया और अभियोजन पक्ष...

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 2017 में सात साल की बच्ची के यौन उत्पीड़न और हत्या मामले में मौत की सजा पाए एक व्यक्ति को बरी कर दिया और कहा कि मामले में ‘एकतरफा तरीके से मुकदमा चलाया गया और उसे पुलिस द्वारा ‘बलि का बकरा बनाया गया था। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने आरोपी दशवंत की अपील पर यह फैसला सुनाया। दशवंत ने मद्रास हाईकोर्ट के जुलाई 2018 के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें निचली अदालत द्वारा उसे दी गई मौत की सजा बरकरार रखी गई थी। पीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष महत्वपूर्ण परिस्थितियों को साबित करने में विफल रहा, जिसमें अंतिम बार एकसाथ देखे जाने का सिद्धांत और डीएनए प्रोफाइलिंग तुलना स्थापित करने वाली एफएसएल रिपोर्ट शामिल हैं, जिन पर उसकी सजा आधारित थी।
पीठ ने 71 पन्नों के अपने फैसले में कहा कि उपरोक्त घटनाक्रम और कार्यवाही को देखने से यह स्पष्ट होता है कि आरोप तय करने के चरण से ही मुकदमा एकतरफा ढंग से चलाया गया और निष्पक्ष सुनवाई के सिद्धांतों का उचित सम्मान नहीं किया गया। अपील स्वीकार करते हुए पीठ ने हाईकोर्ट और निचली अदालत द्वारा दिए गए निर्णयों को भी रद्द कर दिया।
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