सहज अभिव्यक्ति केवल अपनी भाषा में ही हो सकती है : स्वानन्द किरकिरे
हम अभिव्यक्ति की आजादी की बात करते हैं, मगर अभिव्यक्ति के माध्यम की बात नहीं करते। अपनी भाषा में ही सहज अभिव्यक्ति हो सकती है। आज की नई पीढ़ी को...
नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता
हम अभिव्यक्ति की आजादी की बात करते हैं, मगर अभिव्यक्ति के माध्यम की बात नहीं करते। अपनी भाषा में ही सहज अभिव्यक्ति हो सकती है। आज की नई पीढ़ी को हिन्दी-पुस्तकों और हिन्दी भाषा से जोड़ना अति आवश्यक है। तकनीक के माध्यम से हम यह कार्य अधिक सरलता से कर सकते हैं। ये विचार हिन्दी अकादमी के उपाध्यक्ष और प्रसिद्ध गीतकार और अभिनेता स्वानन्द किरकिरे ने हिन्दी अकादमी द्वारा आयोजित परिचर्चा की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये।
परिचर्चा की प्रस्तावना में हिन्दी अकादमी के सचिव डॉ.जीतराम भट्ट ने कहा कि वर्तमान में नई पीढ़ी हिन्दी का अधिक प्रयोग कर रही है। विश्व स्तर पर हिन्दी के पाठकों और बोलने वालों की संख्या अधिक बढ़ी है। हमें हिन्दी के प्रसार के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करना चाहिए कि सामान्य जन उससे जुड़ने के लिए उत्सुक हों। इस सन्दर्भ में हिन्दी अकादमी पूरा प्रयास कर रही है।