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बाबरी मस्जिद मामले में नारेबाजी को हल्के में नहीं लिया जा सकता

बेंगलुरू, एजेंसी कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के एक...

बाबरी मस्जिद मामले में नारेबाजी को हल्के में नहीं लिया जा सकता
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीTue, 01 Nov 2022 01:30 AM
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बेंगलुरू, एजेंसी

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के एक कथित सदस्य के खिलाफ मामला रद्द कर दिया है, जिसने बाबरी मस्जिद मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ नारेबाजी की थी।

अदालत ने सीएफआई के खिलाफ मामला इसलिए रद्द किया क्योंकि पुलिस उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए के तहत आरोप लगाने से पहले सरकार से मंजूरी लेने में विफल रही। हालांकि, अदालत ने कहा कि फैसले के खिलाफ नारेबाजी करना समुदायों के बीच नफरत फैलाने के बराबर है जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। अदालत ने कहा कि आरोपी सफवान ‘सीएफआई के बैनर के साथ अन्य लोगों के साथ गया और अयोध्या-बाबरी मस्जिद मामले में दिए गए माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले का विरोध किया, जो कि और कुछ नहीं बल्कि दो समूहों के बीच धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देना है।

अदालत ने कहा कि यह एक ऐसा कृत्य है जो मंगलुरु क्षेत्र में सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल है, जहां आरोपी व्यक्तियों ने फैसले के खिलाफ आंदोलन किया और इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। सफवान पर मंगलुरु में कोनाजे पुलिस द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए, धारा 149 और 'कर्नाटक ओपन स्पेस डिसफिगरेशन एक्ट' की धारा 3 के तहत आरोप लगाया गया था।

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