नौकरी छोड़ने की नोटिस अवधि बढ़ाने का पायलटों ने किया विरोध
पायलटों के एक संगठन ने उडडयन नियामक डीजीसीए को पत्र लिखकर नौकरी छोड़ने की नोटिस अवधि बढ़ाने संबंधी अपने मसौदा नियमों को वापस लेने की मांग की है। नागरिक उडडयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने गत महीने कमांडरों...
पायलटों के एक संगठन ने उडडयन नियामक डीजीसीए को पत्र लिखकर नौकरी छोड़ने की नोटिस अवधि बढ़ाने संबंधी अपने मसौदा नियमों को वापस लेने की मांग की है। नागरिक उडडयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने गत महीने कमांडरों के मामले में नौकरी छोड़ने के लिए एक वर्ष की नोटिस अवधि और फर्स्ट आफिसर के मामले में छह महीने की नोटिस अवधि अनिवार्य कर दी थी। वर्तमान में पायलटों को नौकरी छोड़ने के लिए छह महीने का नोटिस देना होता है। फेडरेशन आफ इंडियन पायलटस ने डीजीसीए के संयुक्त महानिदेशक ललित गुप्ता को एक पत्र लिखा है और कहा है कि नोटिस अवधि एक प्रशासनिक और मानव संसाधन कार्य है और इसलिए यह एक पायलट या उसके एयरलाइन के बीच का मामला है। पत्र में कहा गया है कि उडडयन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी माहौल के चलते अक्सर एयरलाइन कंपनियों को वित्तीय दिक्कत का सामना करना पड़ता है। इसके कारण पायलटों को बेहतर अवसरों की तलाश के लिए बाध्य होना पड़ता है लेकिन प्रस्तावित नियम पायलटों को किसी एयरलाइन कंपनी से बांध देंगे।