हार्दिक पटेल को राहत, मेहसाणा में प्रवेश की रोक को हाईकोर्ट ने हटाया
पटेल ने सात नवंबर को इस आधार पर जमानत की शर्तो में संशोधन संबंधी याचिका दायर की थी कि वह अपनी कुलदेवी के मंदिर में पूजा करना चाहते...

अहमदाबाद, एजेंसी।
गुजरात उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता हार्दिक पटेल को 2015 के पाटीदार आरक्षण आंदोलन से जुड़े दंगे के एक मामले में राज्य के मेहसाणा जिले में प्रवेश करने से रोकने संबंधी जमानत की शर्त शुक्रवार को एक साल के लिए हटा दी।
न्यायमूर्ति एस. एच. वोरा की अदालत ने पटेल को अस्थायी रूप से राहत दी। पटेल ने सात नवंबर को इस आधार पर जमानत की शर्तो में संशोधन संबंधी याचिका दायर की थी कि वह अपनी कुलदेवी के मंदिर में पूजा करना चाहते हैं। पटेल के वकील रफीक लोखंडवाला ने कहा कि रोक को एक साल के लिए हटा दिया गया है।
भाजपा ने विरमगाम सीट से बनाया है उम्मीदवार
हार्दिक पटेल को भाजपा ने अहमदाबाद जिले की विरमगाम सीट से उम्मीदवार घोषित किया गया। गुजरात की एक अदालत ने जुलाई 2018 में, पटेल और उनके सहयोगियों लालजी पटेल और एके पटेल को पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान 23 जुलाई, 2015 को विसनगर शहर में हुए दंगों और आगजनी के लिए दो साल जेल की सजा सुनाई थी। उस दिन भीड़ ने एक कार में आग लगा दी थी और विसनगर से भाजपा विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय में तोड़फोड़ की थी।
गुजरात उच्च न्यायालय ने अगस्त 2018 में निचली अदालत के आदेश को निलंबित कर दिया था और उन्हें जमानत दे दी थी। उच्च न्यायालय ने जमानत की शर्त के रूप में उनके मेहसाणा में प्रवेश पर रोक लगा दी थी।
