Hindi NewsNcr NewsDelhi NewsRBI Introduces Cooling-Off Period to Combat Online Fraud and Protect Financial Security

जालसाजों के हाथ नहीं पहुंचेगी ठगी की रकम

चार कॉलम लगाएं --- नई दिल्ली, एजेंसी। ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने और ग्राहकों

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 21 Jan 2025 07:24 PM
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नई दिल्ली, एजेंसी। ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने और ग्राहकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए आरबीआई बड़ा कदम उठाने जा रहा है। इसके तहत कूलिंग अवधि सुविधा लागू की जाएगी, जिसमें किसी बैंक खाते में आई रकम को कुछ समय के लिए रोका जा सकेगा। यह खासकर उन मामलों में किया जाएगा, जहां ठगी के पैसे कई म्यूल खातों के जरिए घुमाए जाते हैं। ऐसे पैसों को वापस पाना अक्सर मुश्किल होता है। यह सुविधा कुछ देशों में पहले से मौजूद है। प्रस्तावित कवायद का मकसद यही है कि ठगी के पैसों को तुरंत किसी अन्य खाते में भेजने से रोका जा सके। इसके लिए गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, आईटी मंत्रालय और आरबीआई मिलकर म्यूल खातों निपटने के कई विकल्पों पर काम कर रहे हैं। बैंक भी उन खातों को भी बंद कर रहे हैं, जिनमें दो साल से कोई लेन-देन नहीं हुआ है। ये म्यूल खाते ही ऑनलाइन ठगी को बढ़ावा देते हैं, जो लगभग हर दो मिनट में होती है।

खाते बेचने वालों पर शिकंजा

बताया जा रहा है कि गृह मंत्रालय ने इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (आई4सी) के जरिए लोगों को अपने बैंक खाते बेचने या किराए पर देने के खिलाफ चेतावनी जारी की है। साथ ही, बैंकों से केवाईसी नियमों को सख्त करने को कहा है ताकि बिना पहचान सत्यापन के खाते न खोले जा सकें। इसके बाद, बैंकों ने म्यूल खातों से निपटने के लिए केंद्रीय सेल बनाना शुरू कर दिया है। ऐसे खातों की पहचान के लिए तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

क्या होते हैं म्यूल खाते

ये ऐसे बैंक खाते होते हैं, जो गैरकानूनी गतिविधियों से पैसा हासिल करने और उसे आगे भेजने का जरिया बनते हैं। भारत में ये खाते अक्सर ऐसे लोग खोलते हैं, जो कुछ पैसे, कमीशन या शुल्क लेकर दूसरे व्यक्ति को अपना बैंक इस्तेमाल करने देते हैं। इनका संचालन असल खाताधारक के स्थान पर कोई और व्यक्ति करता है। ये खाते किसी अन्य व्यक्ति के केवाईसी दस्तावेजों का उपयोग करके खोले जाते हैं।

ठगी की समय पर सूचना देना जरूरी

विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल ठगी होने पर तय समयसीमा के भीतर इसकी रिपोर्ट करना बहुत जरूरी है। अगर आप ठगी के एक घंटे के अंदर साइबर क्राइम हेल्पलाइन (1930) पर रिपोर्ट करते हैं, तो आपके पैसे जालसाजों के हाथों में जाने से पहले ही बचाए जा सकते हैं।

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