डेंगू मरीजों में मांशपेशियों से रक्तस्राव का दुर्लभ मामला सामने आया
डेंगू के मरीजों में मसूड़ों से रक्तस्राव होने के मामले कई बार सामने आते हैं, लेकिन गंगाराम अस्पताल में इस बार डेंगू की वजह से पेट की मांसपेशियों से...
डेंगू के मरीजों में मसूड़ों से रक्तस्राव होने के मामले कई बार सामने आते हैं, लेकिन गंगाराम अस्पताल में इस बार डेंगू की वजह से पेट की मांसपेशियों से रक्तस्राव का दुर्लभ मामला सामने आया है। अस्पताल का दावा है कि साल 2001 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में ऐसे एक नहीं तीन मरीजों का उपचार किया है, जिन्हें संक्रमण होने के बाद पेट और मांसपेशियों में रक्तस्त्राव हुआ।
डेंगू के जिन मरीजों में रक्तस्त्राव की समस्या देखने को मिली, उनकी प्लेटलेट्स 50 हजार से अधिक हैं। आमतौर पर चिकित्सीय पेशे में 20 हजार प्लेटलेट्स तक स्थिति घातक नहीं मानी जाती, लेकिन अगर इस बीच रक्तस्त्राव होता है तो मरीज को तत्काल भर्ती करना जरूरी होता है। अगर दिल्ली एम्स के प्रोटोकॉल को देखें तो यहां 15 हजार प्लेटलेट्स या रक्तस्त्राव होने पर ही मरीज को गंभीर माना जाता है। गंगाराम अस्पताल के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर अतुल गोगिया ने बताया कि उनके यहां हाल ही में रक्तस्त्राव से जुड़े तीन मरीज आए हैं। इनके पेट और मांसपेशियों में रक्तस्त्राव हुआ है। इनकी आयु 30 से 60 वर्ष के बीच है। मरीजों में पेटदर्द के साथ डेंगू की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि समय पर निदान और उचित समय पर सहायक उपचार ने मरीजों की जान बचाई।
2001 में पहली बार ऐसा मामला आया था
डॉक्टर अतुल गोगिया ने बताया कि डेंगू में मांसपेशी हेमेटोमा (रक्तस्त्राव) होना बहुत दुर्लभ है। डेंगू रोगी में मांसपेशी हेमेटोमा के लिए पहला मामला साल 2001 में प्रकाशित हुआ था और उसके बाद इस समस्या पर छिटपुट मामले मिल चुके हैं लेकिन इस सीजन में यह पहली बार देखने को मिल रहा है। इससे पहले अपोलो अस्पताल में डेंगू के मरीज को म्यूकोमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) होने का दुर्लभ मामला सामने आया था।