‘यौन अपराध हत्या एवं अन्य जन्य अपराधों से भी बदतर हैं
नाबालिग से दुष्कर्म मामले में एक व्यक्ति को अदालत ने 14 वर्ष की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा कि यौन अपराध हत्या एवं अन्य अपराधों से भी जघन्य है। ऐसे मामलों में हमला न केवल पीड़िता के शरीर पर, बल्कि...
नाबालिग से दुष्कर्म मामले में एक व्यक्ति को अदालत ने 14 वर्ष की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा कि यौन अपराध हत्या एवं अन्य अपराधों से भी जघन्य है। ऐसे मामलों में हमला न केवल पीड़िता के शरीर पर, बल्कि उसकी आत्मा पर भी होता है। तीस हजारी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सीमा मैनी की अदालत ने कहा कि शारीरिक जख्म समय बीतने के साथ भर जाते हैं। लेकिन, मन और आत्मा पर लगे घाव बने रहते हैं। कचोटते रहते हैं और वर्षों तक टीस देते हैं। अदालत ने उत्तरी दिल्ली निवासी संतोष कुमार को 10 वर्षीय लड़की से दुष्कर्म का दोषी पाया।
बाल यौन अपराध संरक्षण कानून के तहत पीड़िता को दो लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि पीड़िता अपना बचपन, अपनी चंचलता और जीवन के प्रति मुस्कान गंवा बैठी है। बचाव पक्ष के वकील ने जब अपने मुवक्किल की पारिवारिक जिम्मेदारी का हवाला देकर नरमी बरतने की अपील की थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार संतोष कुमार ने 2015 में अपने पड़ोस की इस लड़की को लालच देकर अपने कमरे में बुलाया और उससे दुष्कर्म किया था।