एससीओ सम्मेलन: रिश्तों को नया आयाम देने की कोशिश में दोनों देश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात साल के बाद चीन दौरे पर हैं। भारत-चीन के रिश्तों में हाल के समय में सुधार हुआ है। 2020 में गलवान घाटी में झड़प के बाद, दोनों देशों ने विवाद सुलझाने की दिशा में कदम बढ़ाए...

नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात साल के अंतराल के बाद चीन दौरे पर हैं। भारत-चीन के रिश्तों में काफी समय से तल्खी रही है। हाल के कुछ महीनों से दोनों देश एक दूसरे के प्रति नरम हुए हैं और विवादों को हल करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। दोनों देश अलग-अलग क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने को प्रतिबद्ध हैं। आइए जानते हैं हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच क्या कुछ हुआ। 2020: गलवान घाटी में जून में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प। इसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हुए जबकि चीन ने आंकड़ा साझा नहीं किया।
2020: सितंबर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री के साथ एससीओ बैठक में बात की और विवाद सुलझाने पर जोर दिया। 2021: जुलाई में चीन के नागरिक डेमचोक सेक्टर में भारतीय क्षेत्र में घुसे। 12वें राउंड के कॉर्प्स कमांडर बैठक में पूरा मामला सुलझाया गया। 2022: चीन ने पैंगांग झील पर ब्रिज बनाना शुरू किया जो एलएसी से 40 किलोमीटर दूर है। इससे पहले भारत ने इसी क्षेत्र में सड़क बनाई थी। 2023: प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान मुलाकात की और हालात सुधारने पर जोर दिया। 2024: भारत से तनातनी के बीच चीन के सबसे युवा विदेश मंत्री किन गैंग अचानक लापता हो गए, ऐसा क्यों हुआ इसका कारण पता नहीं चला। 2025: जनवरी में चीन मानसरोवर यात्रा शुरू करने को राजी हुआ। इसके अलावा दोनों देश सीधी विमान सेवा शुरू करने के लिए भी तैयार हुए थे। 2025: कोरोना महामारी के बाद भारत ने पांच साल बाद जुलाई में चीनी नागरिकों को पर्यटन वीजा जारी करने का फैसला किया था।
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