अपडेट-1-मन की बात---अंतरिक्ष के क्षेत्र में दो सौ से ज्यादा स्टार्टअप शुरू : मोदी
नोट--‘ओलंपियाड विजेताओं की सराहना बॉक्स को हटाकर ‘प्रधानमंत्री ने देवेश और देबदत्ता की उपलब्धि को

नई दिल्ली, एजेंसी। अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से वापसी की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि बच्चों में अंतरिक्ष के प्रति जिज्ञासा की एक नई लहर जागृत हुई है। उन्होंने कहा कि इसका परिणाम है कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में 200 से ज्यादा स्टार्टअप शुरू हो चुके हैं। अपने मासिक मन की बात कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि 2047 में विकसित भारत का मार्ग आत्मनिर्भरता से होकर गुजरता है और इसका सबसे बड़ा आधार ‘वोकल फॉर लोकल है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में खेल, विज्ञान और संस्कृति के क्षेत्र में बहुत कुछ ऐसा हुआ है, जिस पर हर भारतीय को गर्व है।
मोदी ने कहा कि हाल ही में शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से वापसी को लेकर देश में खूब चर्चा हुई। जैसे ही शुभांशु पृथ्वी पर सुरक्षित उतरे लोग खुशी से झूम उठे। पूरा देश गर्व से भर गया। उन्होंने कहा कि मुझे याद है जब अगस्त 2023 में चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक उतरा था, तो देश में एक नया माहौल बना था। बच्चों में भी विज्ञान और अंतरिक्ष को लेकर एक नई जिज्ञासा पैदा हुई थी। छोटे बच्चे अब कहते हैं, हम भी अंतरिक्ष में जाएंगे। हम भी चांद पर उतरेंगे। हम अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनेंगे। हर पत्थर ऐतिहासिक घटना का साक्षी प्रधानमंत्री मोदी ने यूनेस्को द्वारा 12 मराठा किलों को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दिए जाने की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि इसमें महाराष्ट्र के 11 और तमिलनाडु के एक किले शामिल हैं। हर किले से इतिहास का एक अध्याय जुड़ा है। हर पत्थर एक ऐतिहासिक घटना का साक्षी है। सलहेर किला में मुगलों को हराया गया था। शिवनेरी किला में छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म हुआ था। एक ऐसा किला जो दुश्मन के लिए अभेद्य है। खंडेरी किला समुद्र के बीच बना एक अद्भुत किला है। खुदीराम बोस का किया जिक्र अगस्त के महीने को क्रांति का महीना बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 11 अगस्त, 1908 को बिहार के मुजफ्फरपुर शहर की एक जेल में 18 वर्षीय युवक अपनी देशभक्ति व्यक्त करने की कीमत चुका रहा था। जेल के अंदर अंग्रेज अधिकारी युवक को फांसी देने की तैयारी कर रहे थे। उस युवक के चेहरे पर कोई डर नहीं था, बल्कि वह गर्व से भरा हुआ था। वही गर्व जो देश के लिए मर मिटने वालों को होता है। वह वीर, साहसी युवक खुदीराम बोस थे। इसके अलावा भी कई घटनाओं का उन्होंने जिक्र किया। झारखंड के ओम प्रकाश की तारीफ की पीएम मोदी ने कहा कि कभी-कभी सबसे ज्यादा रोशनी वहीं से निकलती है, जहां सबसे ज्यादा अंधेरा होता है। ऐसा ही एक उदाहरण झारखंड के गुमला जिले का है। एक समय था जब यह इलाका माओवादी हिंसा के लिए जाना जाता था। बसिया प्रखंड के गांव वीरान हो रहे थे। इसी डर के बीच ओम प्रकाश साहू नाम के एक युवक ने हिंसा का रास्ता छोड़ मछली पालन शुरू किया। फिर उन्होंने अपने जैसे कई दोस्तों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित किया। उनके प्रयासों का असर भी हुआ। जो लोग पहले बंदूक थामे रहते थे, उन्होंने अब मछली पकड़ने के जाल थाम लिए हैं। ज्ञान भारतम मिशन का भी उल्लेख किया प्रधानमंत्री मोदी ने प्राचीन पांडुलिपियों का संरक्षण और ज्ञान भारतम मिशन का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इन पांडुलिपियों में विज्ञान, चिकित्सा की पद्धतियां, संगीत और दर्शन हैं, जो मानवता के भविष्य को उज्ज्वल बना सकते हैं। कुछ छात्रों ने पांडुलिपियों के आधार पर पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली पर शोध भी शुरू कर दिया है। अगर ऐसा प्रयास देशभर में हो तो हमारा पुरातन ज्ञान केवल दीवारों में बंद नहीं रहेगा। वह नई पीढ़ी की चेतना का हिस्सा बन जाएगा। प्रधानमंत्री ने देवेश और देबदत्ता की उपलब्धि को सराहा मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय रसायन विज्ञान ओलंपियाड में मेडल जीतने वाले देवेश पंकज व देबदत्ता की उपलब्धि को सराहा। एलन कोटा के छात्र देवेश ने गोल्ड और देबदत्ता ने सिल्वर मेडल जीता था। यह ओलंपियाड यूएई में हुआ था। इसके साथ ही इसी वर्ग में संदीप कुची और उज्जवल केसरी ने भी जीत हासिल की थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि गणित की दुनिया में भी भारत ने अपनी छवि मजबूत की है। ऑस्ट्रेलिया में आयोजित अंतरराष्ट्रीय गणित ओलंपियाड में हमारे छात्रों ने तीन स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक जीता। उन्होंने कहा कि अगले महीने मुंबई में खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी ओलंपियाड आयोजित होने जा रहा है। यह अब तक का सबसे बड़ा ओलंपियाड होगा।
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