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अपडेट:::: ब्यूरो::::: साइबर सुरक्षा के लिए वैश्विक संस्थाओं को उठानी होगी जिम्मेदारी : मोदी

- प्रधानमंत्री ने डिजिटल प्रौद्योगिकी के लिए नियम बनाने पर जोर दिया -

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 15 Oct 2024 03:46 PM
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- प्रधानमंत्री ने डिजिटल प्रौद्योगिकी के लिए नियम बनाने पर जोर दिया - दिल्ली में डब्ल्यूटीएसए और इंडिया मोबाइल कांग्रेस उद्घाटन किया

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि साइबर सुरक्षा के लिए वैश्विक संस्थाओं को आगे बढ़कर जिम्मेदारी उठाने की जरूरत है। अब समय आ गया है कि वैश्विक स्तर पर डिजिटल प्रौद्योगिकी के लिए नियम बनाए जाएं। उन्होंने कहा कि आज कोई भी देश अकेले साइबर खतरे से अपने नागरिकों के रक्षा नहीं कर सकता। इसके लिए हमें मिलकर काम कर रहा होगा।

राजधानी में अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (डब्ल्यूटीएसए) और इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) के उद्घाटन सत्र के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा जैसे हमने उड्डयन क्षेत्र के लिए एक वैश्विक नियम-कानूनों का प्रारूप बनाया है, अब डिजिटल वर्ल्ड को भी उसी तरह से नियम बनाने होंगे। इसके लिए डब्ल्यूटीएसए को अधिक सक्रियता से काम करना होगा। डब्ल्यूटीएसए से जुड़े हर सदस्य को इस दिशा में सोचना होगा कि कैसे टेलीकम्युनिकेशन को सभी के लिए सुरक्षित बनाया जाए। इंटरकनेक्टेड दुनिया में साइबर सुरक्षा किसी भी तरह से कम नहीं हो सकती। भारत के डाटा प्रोटेक्शन एक्ट और राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा से जुड़ी रणनीति एक तरह से डिजिटल सिस्टम को बनाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दिखाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें सुनिश्चित करना होगा कि हमारा भविष्य तकनीकी रूप से मजबूत भी हो और समान रूप से सभी को आगे बढ़ने में मदद भी करे।

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तकनीकी क्रांति के लिए चार लक्ष्य निर्धारित किए

प्रधानमंत्री ने तकनीकी क्रांति को लेकर भारत द्वारा किए गए कार्यों और उपलब्धियों को भी एक-एक करके गिनाया। कहा कि हमने डिजिटल इंडिया के चार स्तंभों की पहचान की। पहला, डिवाइस की कीमत कम होनी चाहिए। दूसरा, डिजिटल कनेक्टिविटी देश के कोने-कोने तक पहुंचे। तीसरा, उस तक सबकी पहुंच होना और चौथा डिजिटल प्रथम ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। इसके लिए नियमित तौर पर काम किया जाए। इन सभी लक्ष्यों पर एक साथ काम करना शुरू किया, तो नतीजे आज सभी के सामने हैं। आज भारत में 200 से ज्यादा मोबाइल उत्पादक इकाई हैं। आज हमारी पहचान मोबाइल निर्यातक देश के तौर पर हो गई है। हम चिप से लेकर पूरी तरह से भारत में तैयार मोबाइल फोन दुनिया को देने की दिशा में जुटे हैं। भारत ने सिर्फ 10 साल में जितना ऑप्टिकल फाइबर बिछाया है, उसकी लंबाई धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी से भी 8 गुना है।

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हर जिले में 5जी

मोदी ने कहा कि दो वर्ष पहले मोबाइल कांग्रेस में ही 5जी लांच किया गया था। आज भारत का करीब हर जिला 5जी सेवा से जुड़ चुका है। भारत दुनिया का दूसरा बड़ा 5जी मार्केट बन चुका है। अब हम 6जी तकनीक पर भी तेजी से कम कर रहे हैं। डाटा की कीमत बहुत कम हुई। इस नेटवर्क सेवा के विस्तार के चलते ही हम यूपीआई से लेकर बड़ी संख्या में जनधन खाते खोल पाए हैं। तकनीकी क्रांति के दम पर आज हम बैंकिंग सेवा घर-घर तक पहुंचा पाए हैं। अब भारत सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में तेजी से काम कर रहा है और जल्द ही दुनिया में बड़ा सेमीकंडक्टर उत्पादक केंद्र होगा।

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