खिलाड़ी उत्पीड़न मामला :::: डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर निलंबित
खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष पर लगे उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के आरोपों पर शनिवार को बड़ी कार्रवाई की। खेल मंत्रालय ने...

- खेल मंत्रालय ने यूपी के गढ़ गोंडा में शुरू होने वाली ओपन चैंपियनशिप को भी रद्द कर दिया
- तोमर ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लगे आरोपों को निराधार बताया था
नई दिल्ली, एजेंसी।
खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष पर लगे उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के आरोपों पर शनिवार को बड़ी कार्रवाई की। खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर को निलंबित कर दिया। साथ ही मंत्रालय ने यूपी के गढ़ गोंडा में शुरू होने वाली ओपन चैंपियनशिप को भी रद्द कर दिया। तोमर ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के पक्ष में बयान दिया था। उन पर लगे आरोपों को निराधार बताया था।
मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि तोमर की उपस्थिति इस मामले की जांच को प्रभावित कर सकती है। सूत्रों ने यह भी कहा कि मंत्रालय की जल्द बनने वाली निगरानी समिति के पास भारतीय कुश्ती से जुड़े मामलों पर सभी फैसले लेने का अधिकार होगा। शुक्रवार देर रात एक मैराथन बैठक के बाद खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने देश के कुछ शीर्ष पहलवानों द्वारा सिंह और डब्ल्यूएफआई पर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एक निगरानी समिति बनाने का फैसला किया था। कुछ पहलवानों ने आरोप लगाया था कि तोमर ने एथलीटों से रिश्वत ली और वित्तीय भ्रष्टाचार में शामिल थे, जिससे उन्हें करोड़ों की संपत्ति बनाने में मदद मिली।
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डब्ल्यूएफआई की सभी गतिविधियां तत्काल प्रभाव से निलंबित
मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ की सभी गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का फैसला भी किया। यह निलंबन तब तक जारी रहेगा जब तक निगरानी समिति डब्ल्यूएफआई के दिन-प्रतिदिन के कामकाज को संभाल नहीं लेती। निगरानी समिति की रूपरेखा रविवार को तय की जाएगी।
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क्या कहा था विनोद तोमर ने
सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा था कि जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों ने अपने दावों का समर्थन करने के लिए कोई भी सबूत पेश नहीं किया है। मैं बृजभूषण शरण सिंह के साथ पिछले 12 सालों से जुड़ा हूं। मैंने कभी भी ऐसी कोई घटना या फिर आरोप नहीं देखे हैं। उन्होंने कहा था कि पहलवानों को धरना देते हुए तीन-चार दिन हो गए हैं लेकिन उन्होंने कोई भी सबूत पेश नहीं किया है।
