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काढ़े के अधिक सेवन से सामने आ रही बवासीर-फिशर की परेशानी

-कोरोना से ठीक होने के बाद मरीजों में दिख रही समस्या नई दिल्ली।

काढ़े के अधिक सेवन से सामने आ रही बवासीर-फिशर की परेशानी
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 23 Jun 2021 07:20 PM
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नई दिल्ली। कार्यालय संवाददाता

शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए अधिक काढ़े का सेवन और विटामिन से जुड़ी दवाओं का लेना लोगों में बवासीर, फिशर सहित कई दूसरी समस्या पैदा कर रहा है। राजधानी के मूलचंद अस्पताल में मार्च से अब तक 350 से ज्यादा मरीज उपचार के लिए पहुंच चुके हैं। इनमें मरीजों की सर्जरी करने तक की नौबत आ गई।

हाल ही में कोरोना से ठीक होने के बाद अस्पताल की सर्जरी विभाग की ओपीडी में एक 55 वर्षीय मरीज उपचार के लिए पहुंचा था। मरीज को मलाशय वाली जगह से खून आने संबंधी दिक्कत बनी हुई थी। दर्द होने की परेशानी भी थी। जांच के दौरान पता चला कि मरीज तीन महीने से पांच ग्लास काढ़ा पी रहा था। इसके बाद मरीज को सर्जरी के लिए भर्ती किया गया और 24 घंटे बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अब मरीज ठीक है।

अस्पताल के लेप्रोस्कोपी विभाग के डॉक्टर सचिन अंबेकर ने बताया कि फिशर, बवासीर के लक्षणों को लेकर रोजाना मरीज आ रहे हैं। इनमें देखने को मिला है कि वह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए घर में इस्तेमाल होने वाले गर्म मसालों से बनी चीजों का अधिक सेवन कर रहे हैं। अब तक कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए ऐसी चीजें अप्रमाणित हैं। इस दौरान यह भी देखने को मिला कि विटामिन सी और डी से जुड़ी दवाओं को भी अधिक लिया जा रहा है। काढ़े के अधिक सेवन से पेट दर्द, जलन जैसे दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं। इससे डायरिया से लेकर कब्ज सहित दूसरी समस्याएं हो सकती हैं। जो फिशर का कारण बनती हैं। वहीं, अस्पताल की चिकित्सा निदेशक डॉ. मधु हांडा का कहना था कि बिना परिणाम को जाने लोगों द्वारा ऐसी चीजों का सेवन किया जा रहा है, जिस कारण उनमें ऐसी परेशानियां दिख रही हैं।

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