पीडी:::अपडेट:::सभी केंद्र:::आईएमए: कैडेटों के कोर्स का हिस्सा बनी चीनी भाषा
नोट:::अपडेट:::पीडी:::सभी केंद्र:::आईएमए::: ग्रेजुएशन सेरेमनी में 68 कैडेट को मिली डिग्री, शीर्षक से जारी खबर...
नोट:::अपडेट:::पीडी:::सभी केंद्र:::आईएमए::: ग्रेजुएशन सेरेमनी में 68 कैडेट को मिली डिग्री, शीर्षक से जारी खबर के साथ इसे दिया गया था। अब अलग से जारी किया जा रहा है। इसी का प्रयोग करें।
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रणनीति
-चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच भारत में कैडेट इसी सेमेस्टर से सीखेंगे मंदारिन भाषा
-प्रधानाचार्य डॉ. नवीन कुमार ने दी जानकारी, चीन की पीएलए से संवाद में होगी आसानी
देहरादून। संवाददाता
भारतीय सेना के अफसर अब सीमा पर चीन को उसी की भाषा में जवाब देंगे। भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) स्थित आर्मी कैडेट कॉलेज में कैडेट इसी सेमेस्टर से चीनी भाषा ‘मंदारिन सीखेंगे। इससे सैन्य अफसरों को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ संवाद स्थापित करने में आसानी होगी।
आईएमए में शुक्रवार को आयोजित ग्रेजुएशन सेरेमनी के दौरान आर्मी कैडेट कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. नवीन कुमार ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसके लिए इनोवेशन लैब बनाकर आईआईटी गुवाहाटी का सहयोग लिया जा रहा है। आईआईटी की फैकल्टी यहां कैडेटों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स समेत कई तकनीकों में पारंगत बनाएगी। भारत-चीन में लंबे समय से जारी गतिरोध के बीच चीनी भाषा को सेना के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है। सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि छोटे-मोटे गतिरोध आपसी बातचीत से मौके पर ही खत्म किए जा सकते हैं। इससे सैन्य अफसर चीनी सेना को सही तरीके से समझने के साथ वाजिब जवाब भी दे सकेंगे। गलवान घाटी में चीन से झड़प के बाद भारत नई रणनीति पर काम शुरू कर चुका है। पिछले साल आईटीबीपी के पाठ्यक्रम में भी मंदारिन भाषा को शामिल किया जा चुका है।