पीडी:::अन्य केंद्र:::: वाजपेयी की आत्मकथा के उर्दू अनुवादक जाफरी का निधन
नैनीताल। संवाददाता पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की आत्मकथा का उर्दू में...
नैनीताल। संवाददाता
पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की आत्मकथा का उर्दू में ‘शख्सियत और खिदमात शीर्षक से अनुवाद करने वाले सैयद अबाद जाफरी का गुरुवार को इंतकाल हो गया। नैनीताल में आजाद मंच के वरिष्ठ संरक्षक, शिक्षक और हाईकोर्ट के अधिवक्ता रहे सैयद अबाद जाफरी को उनके मूल निवास उत्तर प्रदेश के शीशगढ़ ले जाया गया। वहां इरशादिया चिश्तिया दरगाह में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
शायर होने के कारण 1970 के दौर से वह वाजपेयी के करीबी रहे। जाफरी ने वाजपेयी की आत्मकथा का उर्दू में अनुवाद कर 2002 में दिल्ली में उन्हें भेंट किया था। जाफरी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट बार एसोसिएशन सदस्य रहने के साथ पत्रकार के रूप में दशकों कार्य किया। पिछले दिनों घर पर गिरने से उनके कूल्हे की हड्डी फ्रैक्चर हो गई थी। तब से वह हल्द्वानी के एक निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे। गुरुवार तड़के डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया। वर्तमान में नैनीताल के चार्टन लॉज निवासी अबाद ने शिक्षक के रूप में 41 वर्षों तक कार्य किया। इसके बाद 2014 में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की सदस्यता ग्रहण कर वकालत शुरू की।
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