ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News NCR नई दिल्लीपीडी:::सभी केंद्र:::ओमीक्रोन:::डेल्टा जितना खतरनाक नहीं है ओमीक्रोन

पीडी:::सभी केंद्र:::ओमीक्रोन:::डेल्टा जितना खतरनाक नहीं है ओमीक्रोन

सचित्र आरएमआरसी पैकेज- एक ओमीक्रोन का खतरा आईसीएमआर के एडिशनल डायरेक्टर डॉ. समीरन पाण्डा...

पीडी:::सभी केंद्र:::ओमीक्रोन:::डेल्टा जितना खतरनाक नहीं है ओमीक्रोन
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीThu, 09 Dec 2021 03:00 AM
ऐप पर पढ़ें

सचित्र

आरएमआरसी पैकेज- एक

ओमीक्रोन का खतरा

आईसीएमआर के एडिशनल डायरेक्टर डॉ. समीरन पाण्डा ने दी जानकारी

विश्व में करीब 900 मामले सामने आए, ज्यादातर घर के इलाज से हुए ठीक

गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता

कोरोना वायरस के नए रूप ओमीक्रोन से डरने की जरूरत नहीं है। इससे सतर्क रहने की जरूरत है। वायरस का यह म्यूटेशन डेल्टा या डेल्टा प्लस की तरह खतरनाक नहीं है। यह कहना है इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के एडिशनल डायरेक्टर डॉ. समीरन पाण्डा का। वह गोरखपुर में बने रिजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर(आरएमआरसी) के भवन के उद्घाटन समारोह में शिरकत करने के लिए आए हैं।

उन्होंने कहा की विश्व में अब तक ओमीक्रोन के 900 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। सभी संक्रमित डब्ल्यूएचओ व अन्य संस्थाओं की निगरानी में है। इनमें से ज्यादातर सिर्फ घर पर हो रहे इलाज से ही ठीक हो रहे हैं। इन मरीजों में ऑक्सीजन लेवल तेजी से कम होने, फेफड़ों में ज्यादा धब्बा होने जैसे लक्षण नहीं मिले। इक्का-दुक्का मरीज ही गंभीर हुए हैं। इन मरीजों पर स्टडी हो रही है। अब तक जो केस सामने आए उस आधार पर कहा जा सकता है कि यह कोविड की दूसरी लहर की तरह खतरनाक साबित नहीं होगा।

तेज है संक्रमण की दर

उन्होंने कहा कि वायरस के इस रूप की सबसे खास बात यह है कि इसके संक्रमण की दर(इंफेक्शन रेट) अधिक है। यह कम्यूनिटी में लोगों को तेजी से संक्रमित कर रहा है। इसकी मारक क्षमता और संक्रमण दर को लेकर अभी शोध चल रहा है। इस वजह से किसी ठोस नतीजे पर अभी विशेषज्ञ नहीं पहुंच पा रहे हैं।

कोविड पर चल रही स्टडी

उन्होंने बताया कि कोविड के सामने आए दो साल हो चुके हैं। अभी उस पर स्टडी चल रही है। कोविड के वायरस में म्यूटेशन अपेक्षित था। हालांकि यह अपेक्षा से तेजी से म्यूटेट हो रहा है।

एचआईवी 2030 तक होगा नियंत्रित

पुणे स्थित नेशनल एड्स रिसर्च इंस्टीट्यूट (नारी) के निदेशक रहे डॉ. पाण्डा ने बताया कि विश्व में यह दशक एचआईवी संक्रमण के नजरिए से बेहद खास होने वाला है। वर्ष 2030 तक एचआईवी संक्रमण को पूरी तरह से नियंत्रित कर लिया जाएगा। इस वायरस के संक्रमण क्षमता को कमजोर करने की दवाओं पर रिसर्च अंतिम चरण में है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें