पनुन कश्मीर ने आतंकी घटनाओं के लिए एनडीए सरकार की आलोचना की
कश्मीरी पंडित संगठन ‘राजनीतिक और रणनीतिक दृष्टिकोण की समीक्षा चाहता है केंद्र और अलगाववादी...
जम्मू, एजेंसियां। विस्थापित कश्मीरी पंडितों के एक संगठन- पनुन कश्मीर- ने जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं के लिए गुरुवार को केंद्र की भाजपा नीत सरकार की आलोचना की। इसके साथ ही संगठन ने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में ‘राजनीतिक और रणनीतिक दृष्टिकोण की समीक्षा की मांग की।
पनुन कश्मीर ने केंद्र और अलगाववादी जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) के बीच बातचीत का भी विरोध किया है। ज्ञात है कि जेईआई ने जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन दशकों से चुनाव बहिष्कार अभियान चलाने के बाद आगामी विधानसभा चुनावों में भाग लेने की इच्छा व्यक्त की है।
पनुन कश्मीर के अध्यक्ष अजय चुंगू ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘केंद्र सरकार की रणनीतिक समझ ऐसी है कि उसने अंदर ही अंदर खदबदा रहे आतंकवाद के लावा को नजरअंदाज कर दिया। सरकार ने बार-बार आतंकवाद के खिलाफ जीत की घोषणा की, जबकि आतंकवादी हर जगह अपना जाल फैला रहे है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने यह साबित करने के लिए ‘आंकड़ेबाजी का सहारा लिया कि स्थिति में सुधार हो रहा है। जबकि आतंकवादी जम्मू के जंगलों में अपनी पकड़ मजबूत बनाते जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘जब शिव खोरी तीर्थयात्रियों पर 9 जून को हमला हुआ था, तब केंद्र सरकार ने संदेश को नहीं समझा और अपनी पर्यटन नीति को जारी रखा। स्थिति यह है कि यहां किसी भी पर्यटक पर जो खतरे हैं, वे छिपे नहीं हैं। यह बात कोई सामान्य बुद्धि वाला भी समझ सकता है।
च्रुंगू ने कहा कि ‘पनुन कश्मीर ने इस वास्तविकता को पहचाना है कि आतंकवाद के पारिस्थितिकी तंत्र को पाकिस्तान से मदद मिलती है। लेकिन एक ‘कड़वी सच्चाई यह भी है कि यह पारिस्थितिकी तंत्र ‘नीतियों और अंदर मौजूद लोगों से पोषण पाकर अंकुरित हुआ है।
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