चलते-चलते : दुनिया के सबसे बड़े फूल रैफलेजिया के विलुप्त होने का खतरा
-18वीं शताब्दी के अंत में यूरोपीय शोधकर्ताओं ने खोजा था - 01 मीटर से अधिक

-18वीं शताब्दी के अंत में यूरोपीय शोधकर्ताओं ने खोजा था
- 01 मीटर से अधिक होता है फूल का व्यास
दुनिया के सबसे बड़े फूल रैफलेजिया के विलुप्त होने का खतरा मंडार रहा है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने यह चेतावनी दी है। उनका कहना है कि दक्षिण-पूर्व एशिया के जंगलों में पाए जाने वाले इन फूलों संरक्षण में अनदेखी की जा रही है, जिसके चलते यह संकट की स्थिति पैदा हुई है। इन फूलों को सबसे ज्यादा खतरा जंगली जानवरों से हैं।
वनों के विनाश प्रमुख वजह
प्लांट्स, पीपल, प्लैनेट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार दो-तिहाई से अधिक रैफलेजिया फूलों को संरक्षण रणनीतियों द्वारा संरक्षित नहीं किया जा रहा है। अध्ययन के लेखक और ऑक्सफ़ोर्ड बॉटैनिकल गार्डन विश्वविद्यालय के डॉ. क्रिस थोरोगूड ने कहा कि हमें दुनिया के कुछ सबसे उल्लेखनीय फूलों को बचाने के लिए तत्काल एक संयुक्त और अंतर-क्षेत्रीय दृष्टिकोण की आवश्यकता है। उनका कहनै हा कि दक्षिण-पूर्व एशिया में वनों के विनाश के कारण भी इसको खतरा हैं।
सभी 42 प्रजातियां विलुप्त होने की कगार में
रैफलेजिया फूल का व्यास करीब एक मीटर से अधिक होता है। इसकी 42 प्रजातियां मौजूद हैं। शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि फूल की सभी 43 प्रजातियां खतरे में हैं। इनमें से 25 को गंभीर रूप से लुप्तप्राय और 15 को लुप्तप्राय की श्रेणी में रखा गया है। वहीं, इसकी एक प्रजाति रैफलेसिया मैग्निफिका को सबसे ज्यादा खतरा है।
पत्तियां, जड़े और तने का बिना खिलता है फूल
रैफलेसिया के फूल को 18वीं शताब्दी के अंत में यूरोपीय शोधकर्ताओं ने खोजा था। यह अपने सड़ते मांस की गंध के लिए प्रसिद्ध हो गए हैं, इसे मांस खाने वाली मक्खियों को आकर्षित करने के लिए पैदा किया जाता है। रैफलेसिया एक परजीवी फूल है। यह पत्तियों, तने और जड़ों के बिना खिलता है। यह प्रकाश संश्लेषण भी नहीं करता है। रैफलेसिया अपना अधिकांश जीवन बेल के भीतर छिपाकर बिताता है।
