Om Birla Urges Legislative Assemblies to Ensure Quality Discussions and Resolve Stalemates विधानमंडल अपनी चर्चा की गुणवत्ता तय करें: बिरला, Delhi Hindi News - Hindustan
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विधानमंडल अपनी चर्चा की गुणवत्ता तय करें: बिरला

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विधानमंडलों से आग्रह किया है कि वे कार्यवाही की गुणवत्ता सुनिश्चित करें और गतिरोध समाप्त करें। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों और जनप्रतिनिधियों के बीच संवाद की आवश्यकता पर बल...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 13 Sep 2025 08:11 PM
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विधानमंडल अपनी चर्चा की गुणवत्ता तय करें: बिरला

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी विधानमंडल से आग्रह किया है कि वह अपनी कार्यवाही और चर्चा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए मानक स्थापित करें। सदनों में नियोजित गतिरोध पर चिंता व्यक्त करते हुए बिरला ने सभी राजनीतिक दलों और जनप्रतिनिधियों के साथ व्यापक संवाद की आवश्यकता पर बल दिया। बिरला ने मीडिया से भी आग्रह किया कि सदन में तथ्यपरक, सारगर्भित चर्चा करने वाले जनप्रतिनिधियों के दृष्टिकोण को प्रमुखता से दिखाए, ताकि सदस्यों के बीच स्वस्थ संवाद के लिए प्रतिस्पर्धा हो। लोकसभा अध्यक्ष ने कर्नाटक विधानमंडल की मेजबानी में आयोजित 11वां राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) भारत क्षेत्र सम्मेलन के समापन समारोह में ये विचार व्यक्त किए।

बिरला ने कहा कि इन सम्मेलनों के माध्यम से हमारा प्रयास है कि आने वाले समय में विधानमंडल नियोजित गतिरोध के बिना काम कर सकें। 11 से 13 सितंबर 2025 तक बेंगलुरु में चले इस तीन दिवसीय सम्मेलन का समापन कर्नाटक के माननीय राज्यपाल थावरचंद गहलोत के भाषण के साथ हुआ। कर्नाटक विधान परिषद के सभापति, विधानसभा के अध्यक्ष ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। इस तीन दिवसीय सम्मेलन का विषय विधायी संस्थाओं में संवाद और चर्चा-जन विश्वास का आधार, जन आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम था। सम्मेलन में 26 राज्यों-संघ राज्य क्षेत्रों से 45 पीठासीन अधिकारी शामिल हुए, जिनमें 22 विधानसभा अध्यक्ष, 16 उपाध्यक्ष, 4 सभापति और 3 उपसभापति थे। --- चार संकल्प लिए गए 11वें सीपीए भारत क्षेत्र सम्मेलन में चार संकल्प लिए गए। इनमें लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति जनता का विश्वास बढ़ाने के लिए सदनों के अंदर गतिरोध और व्यवधान को समाप्त किए जाने, संसद के सहयोग से राज्यों की विधायी संस्थाओं की अनुसंधान एवं संदर्भ शाखाओं को मजबूत करने, विधायी संस्थाओं में डिजिटल टेक्नोलॉजी का अधिक से अधिक उपयोग सुनिश्चित करने तथा लोकतांत्रिक संस्थाओं में युवाओं और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना शामिल है।

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