बकाया वेतन नहीं देने पर उत्तरी निगम को फटकार
अदालत से - उत्तरी निगम ने उच्च न्यायालय ने और समय मांगा - पूर्वी

अदालत से
- उत्तरी निगम ने उच्च न्यायालय ने और समय मांगा
- पूर्वी और दक्षिणी दिल्ली मार्च तक का कर चुके हैं भुगतान
नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता
उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आदेश के बावजूद डॉक्टरों, नर्सों, शिक्षकों और सफाई कर्मचारियों को अब तक का बकाया वेतन और पेंशन नहीं दिए जाने पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम को कड़ी फटकार लगाई। न्यायालय ने नगर निगम से कहा कि आपने हमारे आदेशों का पालन क्यों नहीं किया। इससे पहले नगर निगम ने न्यायालय को बताया कि तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते वह कर्मचारियों का बकाया वेतन और पेंशन नहीं दे पाया। नगर निगम ने न्यायालय से इसके लिए और वक्त देने की मांग की।
जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की पीठ के समक्ष उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने कहा कि उसने अपने डॉक्टरों, नर्सों, सफाई कर्मचारियों समेत कोरोना योद्धाओं को फरवरी 2021 तक वेतन दे दिया है, जबकि शिक्षकों और सभी पेंशनभोगी कर्मचारियों को जनवरी 2021 तक का भुगतान कर दिया गया है। इस पर पीठ ने कहा कि हमने आपको (नगर निगम) पूरा बकाया चुकाने का निर्देश दिया था। अब आप ही हमें बताइए कि आपके खिलाफ क्या कार्रवाई करें। इस पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम की ओर से वकील ने कहा कि उन्होंने न्यायालय में एक याचिका दाखिल कर दिल्ली सरकार को करीब 250 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी करने का निर्देश देने की मांग की है। इसके बाद पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 31 मई तक के लिए स्थगित कर दी।
दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी ने पीठ को बताया कि नगर निगम कर्मचारियों को वेतन देने के लिए अग्रिम राशि नहीं मांग सकता। वहीं, पूर्वी दिल्ली नगर निगम की ओर से अधिवक्ता मनु चतुर्वेदी ने पीठ को बताया कि उन्होंने मार्च तक सभी कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वेतन व पेंशन का भुगतान कर दिया है और उन पर कोई बकाया नहीं है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के वकील ने पीठ को बताया कि उसने भी मार्च तक सभी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन का भुगतान कर दिया गया है।
