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दिल्ली: बसों की जर्जर हालत पर NGT ने DTC को जमकर लगाई फटकार

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली परिवहन निगम द्वारा अपनी बसों का ठीक से प्रबंधन नहीं करने और दिन में ज्यादातर समय बिना यात्रियों के चलाने पर जमकर आलोचना की। एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति स्वंतत्र...

दिल्ली: बसों की जर्जर हालत पर NGT ने DTC को जमकर लगाई फटकार
नई दिल्ली। लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 11 Nov 2017 07:50 PM
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राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली परिवहन निगम द्वारा अपनी बसों का ठीक से प्रबंधन नहीं करने और दिन में ज्यादातर समय बिना यात्रियों के चलाने पर जमकर आलोचना की। एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति स्वंतत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि आपकी बसें सड़कों पर बहुत शोर मचाती हैं। वह बड़ी रुकावट पैदा करती हैं।

आपकी बसों के ज्यादातर हिस्से हवा में लटके रहते हैं या टूट गए हैं। आप उनके प्रबंधन के लिए उचित कदम क्यों नहीं उठाते हैं। आपकी बसें या तो खाली चलती हैं या निर्धारित सीमा से ज्यादा भरी होती हैं। अधिकरण ने डीटीसी के प्रमुख सह प्रबंध निदेशक को बसों के प्रबंधन और वाहनों के प्रभावी इस्तेमाल के लिए एक न्यायसंगत अध्ययन के संबंध में एनजीटी के आदेश को ध्यान में न रखने के लिए फटकार लगाई।

पीठ ने कहा कि क्या आपने हमारे फैसले को पढ़ा है्? आपने अपने विभाग में 33 साल से ज्यादा काम किया है और हम यह जानकर चकित हैं कि आपको हमारा आदेश पढ़ने का वक्त नहीं मिला। यह बहुत चौंकाने वाला है। हरित पैनल ने इससे पहले कम ट्रैफिक रहने के दौरान छोटे आकार की बसों का पक्ष लिया था और कहा, जब ट्रैफिक कम हो तो आपको अपनी बसें बदल लेनी चाहिए और उन बसों को चलाना चाहिए जिनका आकार छोटा हो। 

हम आपसे बस सेवा बंद करने के लिए नहीं कह रहे बल्कि आपको बसों के आकार में तब्दीली करनी चाहिए। एनजीटी ने कई निर्देश पारित किए और कहा कि दिल्ली सरकार के सभी निगम और प्राधिकरण यह सुनिश्चित करें कि 14 नवंबर तक दिल्ली में संरचना निमार्ण से जुड़ी कोई गतिविधि न हो। अधिकरण ने कहा कि दिल्ली सरकार और सरकारी अधिकरण एनजीटी के निर्देशों और फैसलों को लागू करने में नाकाम हुए हैं और कहा कि पयार्वरण को बचाने के लिए समग्र तरीके से उचित कदम उठाए जाने चाहिए। 

एनजीटी ने कहा कि हम निर्देश देते हैं कि मौसम विज्ञान विभाग से सलाह-मश्विरा कर दिल्ली के मुख्य सचिव को एक बैठक बुलानी चाहिए जब भी वायु गुणवत्ता सूचकांक की स्थिति गंभीर हो, इससे पहले कि वह खतरनाक बन जाए। 

 

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