चलते-चलते - मोटापा मापने का बीएमआई तरीका हुआ पुराना
ओटावा के वैज्ञानिकों का कहना है कि बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) स्वास्थ्य मापने का सही तरीका नहीं है। यह मांसपेशियों और चर्बी के वितरण, उम्र, जाति या देश को नजरअंदाज करता है। वाटरलू विश्वविद्यालय की...

ओटावा, एजेंसी। अभी तक डॉक्टर किसी के स्वास्थ्य को मापने के लिए बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) का आसान तरीका अपनाते थे। यह एक ऐसा नंबर है जो किसी व्यक्ति के वजन और कद (ऊंचाई) के हिसाब से बनता है। लेकिन अब वैज्ञानिक कह रहे हैं कि यह तरीका सही नहीं है, क्योंकि बीएमआई यह नहीं देखता कि आपके शरीर में वजन मांसपेशियों का है या चर्बी का, वजन शरीर में कहां है, आपकी उम्र क्या है या आप किस जाति या देश से हैं। कनाडा के वाटरलू विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने इस संबंध में एक रिपोर्ट पेश की है। बीएमआई से कई बार लोगों को गलत इलाज मिलता है या उन्हें शर्मिंदा किया जाता है।
इसलिए अब वैज्ञानिक चाहते हैं कि हम सिर्फ बीएमआई पर भरोसा न करें। इसके बजाय हमें ऐसे नए तरीकों से लोगों का स्वास्थ्य समझना चाहिए जो शरीर और मन दोनों की देखभाल करें।
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