संपत्ति खरीदने से पहले आधार-पैन के जरिए होगा सत्यापन
सरकार ने बैनामी संपत्ति और भूमि खरीद पर रोक लगाने के लिए नए पंजीकरण विधेयक-2025 का मसौदा तैयार किया है। इस विधेयक में संपत्ति पंजीकरण प्रक्रिया में डिजिटल निगरानी, आधार और पैन नंबर का सत्यापन अनिवार्य...

- नए पंजीकरण विधेयक-2025 में संपत्ति पंजीकरण प्रक्रिया में डिजिटल निगरानी समेत कई अहम बदलाव किए जाने का प्रस्ताव - अभी तक 30 लाख से अधिक की खरीद पर आयकर को जानकारी देना जरूरी, नई व्यवस्था में हर खरीद की जानकारी मिलेगी आयकर विभाग को नई दिल्ली। अरुण चट्ठा बैनामी संपत्ति व भूमि खरीद पर लगाम लगाने के लिए जल्द ही सरकार बैनामे से पहले आधार और पैन नंबर पर सत्यापन अनिवार्य करने जा रही है। केंद्र सरकार पंजीकरण की मौजूदा व्यवस्था को बदलकर आधुनिक, ऑनलाइन, पेपरलेस और पारदर्शी प्रणाली लाने जा रही। ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग ने नए पंजीकरण विधेयक-2025 का मसौदा तैयार किया है, जिसमें संपत्ति की खरीद यानी पंजीकरण प्रक्रिया में डिजिटल निगरानी समेत कई अहम बदलाव किए जाने का प्रस्ताव है।
मौजूदा समय में संपत्ति खरीदने के लिए आधार कार्ड और पैन कार्ड नंबर देना जरूरी है,लेकिन उनका सत्यापन नहीं किया जाता है। हालांकि सभी राज्यों के स्टांप एवं निबंधन विभाग (सब रजिस्ट्रार) के लिए अनिवार्य है कि वह अपने यहां 30 लाख रुपये से अधिक का बैनामा होने पर जानकारी आयकर विभाग के खुफिया और आपराधिक जांच (आईएडंसीआई) पोर्टल पर अपलोड करें, लेकिन काफी मामलों में देखा गया कि सब रजिस्ट्रार बैनामों को अपलोड नहीं करते, जिससे संपत्ति खरीद की पूरी जानकारी आयकर विभाग को नहीं मिल पाती। ऐसी स्थिति में बैनामी संपत्ति के मामले को पकड़ना मुश्किल होता है। अब नए मसौदे के तहत हर संपत्ति खरीद के लिए स्टांप लेते समय वन टाइम पासवार्ड (ओटीपी) आधारित सत्यापन करना होगा। पहले पैन नंबर का सत्यापन होगा और उसके बाद आधार नंबर का सत्यापन होगा। इससे हर छोटी-बड़ी संपत्ति खरीद की जानकारी आयकर विभाग के पास जाएगा। उसके बाद यह मिलान करना आसान होगा कि संबंधित व्यक्ति की उतनी वित्तीय हैसियत है या नहीं, जितने मूल्य की संपत्ति खरीदी गई है। ----------- घर बैठे होगा दस्तावेजों का पंजीकरण मौजूदा पंजीकरण कानून वर्ष 1908 का है। यह अधिनियम काफी पुराना पड़ चुका है जो डिजिटल युग की जरूरतों को पूरा नहीं करता। देशभर में भूमि और संपत्ति से जुड़ी धोखाधड़ी को रोकने, दस्तावेजों की वैधता सुनिश्चित करने और कानूनी विवादों को कम करने के लिए विधेयक बेहद अहम माना जा है। नए विधेयक में नागरिक घर बैठे डिजिटल तरीके से दस्तावेजों का पंजीकरण करा सकेंगे। एक तरह से नागरिकों को कई स्तर पर सहुलियत भी प्रदान होंगी। नए पदों को सृजन किए जाने, पंजीकरण अधिकारी को ज्यादा अधिकार दिए जाने और नियमों के तहत रजिस्ट्रेशन अस्वीकार करने की शक्ति प्रदान किए जाने का भी प्रस्ताव है।
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