वेलकम में एक युवक से बात करने पर साली की गला घोंटकर कर दी हत्या
यमुनापार के वेलकम इलाके में मंगलवार देर रात एक शख्स ने एक युवक से बातचीत करने पर नाराज होकर अपनी साली की गला घोंटकर हत्या कर दी। मृतका की शिनाख्त ज्योति वर्मा (19) के रूप में हुई है। हत्या करने के...
यमुनापार के वेलकम इलाके में मंगलवार देर रात एक शख्स ने एक युवक से बातचीत करने पर नाराज होकर अपनी साली की गला घोंटकर हत्या कर दी। मृतका की शिनाख्त ज्योति वर्मा (19) के रूप में हुई है। हत्या करने के बाद आरोपी राम करण करीब चार घंटे शव के पास बैठा रहा। बाद में उसने सुबह के समय पत्नी की हत्या की झूठी कॉल कर खुद ही डीसीपी ऑफिस में जाकर सरेंडर कर दिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर दो मोबाइल फोन, एक स्कूटी व गला घोंटने में इस्तेमाल की जाने वाली लोहे की छड़ बरामद कर ली है। हालांकि पुलिस का दावा है कि रामकरण ने सरेंडर नहीं किया, बल्कि उसे गिरफ्तार किया गया है।
जिले के डीसीपी डॉ. अजीत कुमार सिंघला ने बताया कि बुधवार सुबह करीब साढ़े सात बजे ज्योति के भाई जितेंद्र वर्मा ने बहन की हत्या की सूचना दी थी। पुलिस छज्जूपुर, बाबरपुर स्थित चौथी मंजिल के मकान में पहुंची। वहां एक कमरे से ज्योति की लाश बरामद हुई। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और कुछ देर बाद ही रामकरण नामक शख्स को वेलकम से गिरफ्तार कर लिया। उसने बताया कि ज्योति फोन पर किसी लड़के से बातचीत करती थी। उसे यह पसंद नहीं था। उसने कई बार साली को ऐसा करने से मना किया था।
कहासुनी होने पर की साली की हत्या
आरोपी ने बताया कि मंगलवार देर रात उसने जब साली को फोन पर बातचीत करते देख साली को डांटा तो वह उससे बहस करने लगी। इसपर गुस्से में लाल रामकरण ने पतली लोहे की छड़ से रामकरण उसका गला दबाने लगा। उसी से ज्योति की मौत हो गई। इसके बाद वह करीब चार घंटे शव के पास ही बैठा रहा। इधर तड़के चार बजे दिल्ली से बाहर गई उसकी पत्नी रेखा ने कॉल कर उसे रेलवे स्टेशन बुलाया तो रामकरण ने साली की हत्या की बात पत्नी को बताई। बाद में वह घर से चला। परिवार के मुताबिक फिर वह खुद ही डीसीपी ऑफिस में आत्मसमर्पण कर दिया।
ससुर की हत्या का भी है आरोप
जांच में यह भी पता चला है कि रामकरण पर 2010 में ससुर नन्हेलाल वर्मा की हत्या करने का आरोप लगा था। दो साल पहले संतोष की तो मौत हो गई, लेकिन रामकरण जेल में बंद था। फिलहाल वह जमानत पर था। इधर रामकरण की पत्नी रेखा (30) पर उसके पांच छोटे बहन भाईयों की जिम्मेदारी थी। खुद रामकरण उनका खर्चा उठाता था। वह गांधी नगर में सिलाई का काम करता था। रामकरण अपने पांच साले-सालियों का पालन कर रहा था।