मुख्य न्यायाधीश के बंगले से मंदिर हटाने की खबर निराधार
हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने बयान जारी कर खबरों को फर्जी बताया जबलपुर, एजेसी।

हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने बयान जारी कर खबरों को फर्जी बताया जबलपुर, एजेसी। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय प्रशासन ने रविवार को मुख्य न्यायाधीश एस.के. कैत के आधिकारिक बंगले से मंदिर हटाए जाने का दावा करने वाली खबरों का खंडन किया। कहा कि ‘ऐसी निराधार खबरें न्याय प्रशासन में प्रत्यक्ष हस्तक्षेप हैं और इसलिए इन्हें अवमाननापूर्ण प्रकृति का माना जा सकता है।
हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल धर्मेंद्र सिंह ने इस संबंध में बयान जारी की स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने बयान में कहा, उच्च न्यायालय के संज्ञान में आया है कि मुख्य न्यायाधीश के बंगले से हनुमान मंदिर हटाए जाने का आरोप लगाते हुए कुछ खबरें प्रसारित की जा रही हैं। ये खबरें पूरी तरह से झूठी, भ्रामक और निराधार हैं। मैं इन दावों का स्पष्ट रूप से खंडन करता हूं।
बयान में कहा कि पीडब्ल्यूडी ने भी कहा है कि मुख्य न्यायाधीश के आवास पर कभी कोई मंदिर मौजूद नहीं रहा है। मीडिया के कुछ वर्गों में प्रसारित किए जा रहे आरोप मनगढ़ंत हैं। ऐसा लगता है कि यह जनता को गुमराह करने और न्यायिक प्रणाली की अखंडता को बदनाम करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है। इस तरह की निराधार खबरों का प्रकाशन न्याय प्रशासन में प्रत्यक्ष हस्तक्षेप है और इस तरह इसे प्रकृति में अवमाननापूर्ण माना जा सकता है।
रजिस्ट्रार ने कहा, न्यायपालिका के बारे में गलत बयानबाजी करने के प्रयास न केवल कानून के शासन को कमजोर करते हैं, बल्कि न्यायिक स्वतंत्रता की पवित्रता के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करते हैं। इन रिपोट का कोई उद्देश्य नहीं है, सिवाय हमारी न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को बदनाम करने के, जो निष्पक्षता और निष्पक्षता के साथ न्याय को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। मीडिया संगठनों और आम लोगों से आग्रह किया जाता है कि वे ऐसी अपमानजनक और असत्यापित जानकारी फैलाने से बचें।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।