
प्रवासी मंच पर मोहन राणा ने किया कविता पाठ
संक्षेप: नई दिल्ली।प्रमुख संवाददाता साहित्य अकादमी के प्रतिष्ठित कार्यक्रम ‘प्रवासी मंच में इंग्लैंड से
नई दिल्ली।प्रमुख संवाददाता साहित्य अकादमी के प्रतिष्ठित कार्यक्रम ‘प्रवासी मंच में इंग्लैंड से आए कवि मोहन राणा ने अपनी कविताओं का पाठ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। दिल्ली में जन्में और लंदन में रह रहे मोहन राणा के अब तक दस कविता-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। हाल ही में उनका नया संग्रह ‘पंक्तियों के बीच आया है। कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि कविता दो बार अनूदित होती हैं, पहली बार जब लिखी जाती है और दूसरी बार जब पढ़ी जाती है। आगे उन्होंने कहा कि मैं कविता की खिड़कियां बनाता हूं, जो हमेशा खुली रहती है। उनके द्वारा सुनाई गईं कुछ कविताओं के शीर्षक थे, पारगमन, यह जगह काफी है, एक सामान्य दिसंबर का दिन, चार चिड़ी तीन इक्के और एक जोकर, पानी का रंग, छतनार चीड़ की छाया में, होगा एक और शब्द तथा अर्थ शब्दों में नहीं तुम्हारें भीतर है।

उन्होंने अपनी लोकप्रिय कविताओं का पाठ किया और श्रोताओं के सवालों का उत्तर दिया।

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