ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News NCR नई दिल्लीमेट्रो की संशोधित डीपीआर में 440 करोड़ लागत बढ़ी

मेट्रो की संशोधित डीपीआर में 440 करोड़ लागत बढ़ी

जीडीए ने एक बार फिर मेट्रो फेज-2 परियोजना की संशोधित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) शासन को भेजी है। संशोधित डीपीआर के अनुसार मेट्रो की लागत 440 करोड़ रुपये बढ़ गई है। इसके साथ ही जीडीए ने यूपी...

मेट्रो की संशोधित डीपीआर में 440 करोड़ लागत बढ़ी
कार्यालय संवाददाता,गाजियाबादThu, 18 May 2017 11:40 AM
ऐप पर पढ़ें

जीडीए ने एक बार फिर मेट्रो फेज-2 परियोजना की संशोधित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) शासन को भेजी है। संशोधित डीपीआर के अनुसार मेट्रो की लागत 440 करोड़ रुपये बढ़ गई है। इसके साथ ही जीडीए ने यूपी सरकार के पेरेंटल विभागों से अंशदान दिलाने की मांग की है। जीडीए को उम्मीद है कि कैबिनेट की बैठक में मेट्रो की डीपीआर को मंजूरी मिल जाएगी।

दिलशाद गार्डन से नया बस अड्डा तक मेट्रो फेज-2 परियोजना प्रस्तावित है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) द्वारा मेट्रो निर्माण का कार्य तेजी से किया जा रहा है। गाजियाबाद में 9.41 किलोमीटर मेट्रो विस्तार की वर्तमान लागत लगभग 2210 करोड़ रुपये है, जिसमें विभिन्न राज्य एजेंसियों का 1496 करोड़ रुपये का हिस्सा शामिल है। यह राशि एजेंसियां देने को तैयार नहीं है। जीडीए उपाध्यक्ष ने इस मुद्दे को प्रदेश के मुख्यमंत्री के सामने भी रखा था। प्रदेश सरकार ने मेट्रो की संशोधित डीपीआर एक बार फिर शासन को भेजने के निर्देश दिए थे। जीडीए उपाध्यक्ष ने इस एक बार फिर डीपीआर का मूल्यांकन कर उसे इसी सप्ताह शासन को भेजा है। इस डीपीआर में यूपी के सरकारी विभागों के पेरेंटल विभागों से अंशदान दिलाने की मांग भी की है। जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने बताया कि संशोधित डीपीआर के अनुसार प्रदेश सरकार की एजेंसियों को अपने हिस्से का अंशदान देने की मांग पत्र भेजा है। 

जीडीए को 695 करोड़ देना है

मेट्रो की संशोधित डीपीआर के अनुसार इस परियोजना की लागत बढ़कर 2210 करोड़ रुपये हो गई। 2210 करोड़ रुपये में जीडीए को 695.40 करोड़, नगर निगम को 246 करोड़, आवास विकास परिषद को 440.20 करोड़, यूपीएसआईडीसी को 98 करोड़, केंद्र सरकार को 402.40 करोड़ और डीएमआरसी को 328 करोड़ रुपये अंशदान देना है। जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने मांग की है कि जो विभाग अंशदान नहीं दे रहे हैं, उनके पेरेंटल विभागों को अंशदान की राशि देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नगर निगम के स्थान पर नगर आवास उसका अंशदान देगा।

केंद्र अंशदान देने से मना कर चुका है

गत वर्ष परियोजना के लिए जल्द पैसा लेने के लिए जीडीए ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन उत्तर प्रदेश कैबिनेट की स्वीकृति के बिना केंद्र सरकार ने निधि देने से साफ मना कर दिया था। जीडीए ने अक्तूबर 2016 में 2210 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमानित और डीपीआर प्रदेश कैबिनेट की स्वीकृति को भेजा। काफी प्रयासों के बाद भी जीडीए अधिकारी इसे कैबिनेट से मंजूरी नहीं दिला सके। 

केंद्र से जल्द मिल सकेगा अंशदान

यूपी कैबिनेट द्वारा संशोधित डीपीआर की मंजूरी देने के बाद केंद्र से इस परियोजना के लिए 402.4 करोड़ रुपये का अनुदान मिलेगा। पिछली सरकार के दौरान संशोधित डीपीआर को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी नहीं दी गई थी। अब राज्य और केंद्र में भाजपा का शासन है, ऐसे में अधिकारियों का मानना है कि इस मुद्दे को शीघ्र ही बढ़ाया जाएगा।

यह है मेट्रो फेज-2 परियोजना

जीडीए और डीएमआरसी के बीच 2014 में मेट्रो फेज-2 परियोजना को लेकर करार हुआ था। इस परियोजना पर काम 17 जून 2014 से शुरू हो गया था। इस परियोजना को पूरा करने का निर्धारित लक्ष्य जून 2017 रखा था, लेकिन पिछले साल सितंबर में जीडीए की बोर्ड बैठक में यह लक्ष्य दिसंबर 2017 तय किया गया। 9.41 किलोमीटर लंबे इस रूट की परियोजना पर 2210 करोड़ रुपये का खर्च होना है। इस रूट पर मेट्रो के आठ स्टेशन बन रहे हैं। 

मेट्रो की संशोधित डीपीआर इसी सप्ताह शासन को भेजी है। उम्मीद है कि आगामी कैबिनेट में इस डीपीआर को मंजूरी मिल जाएगी। 

कंचन वर्मा, उपाध्यक्ष, जीडीए

 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें