निगमों के एकीकरण पर सरकार ने मांगी रिपोर्ट
दिल्ली के तीनों निगमों के एकीकरण की सुगबुगाहट एक बार फिर शुरू हुई है। दिल्ली सरकार के पांचवे वित्त आयोग ने तीनों निगम आयुक्तों से एकीकरण पर उनकी राय मांगी है। निगमों का एकीकरण कहां तक संभव है और क्या...
दिल्ली के तीनों निगमों के एकीकरण की सुगबुगाहट एक बार फिर शुरू हुई है। दिल्ली सरकार के पांचवे वित्त आयोग ने तीनों निगम आयुक्तों से एकीकरण पर उनकी राय मांगी है। निगमों का एकीकरण कहां तक संभव है और क्या उससे निगमों की परेशानी हल हो सकती है, इन मुद्दों पर आयुक्तों से सुझाव मांगे गए हैं। वर्ष 2012 में दिल्ली नगर निगम के तीन हिस्सों में विभाजन के बाद से ही निगमों के एकीकरण की आवाज गाहे-बगाहे उठती रही है। खासतौर पर पूर्वी और उत्तरी निगम की वित्तीय हालत विभाजन के बाद से लगातार खराब होती गई है। यहां तक कि इन दोनों निगमों में अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन देने के भी सामर्थ नहीं रही और समय पर वेतन पाने के लिए कर्मचारियों को कई बार आंदोलन का सहारा भी लेना पड़ा। खस्ता वित्तीय हालत के चलते कर्मचारी संगठनों की ओर से भी कई बार निगमों का एकीकरण किए जाने की मांग की जाती रही है। जबकि, उत्तरी दिल्ली नगर निगम की तो स्थायी समिति भी एक बार इस आशय के प्रस्ताव को पारित कर चुकी है। इसके बावजूद एकीकरण पर कोई ठोस पहल होती नहीं दिखी है। दिल्ली सरकार के पांचवे वित्त आयोग ने अब एकीकरण पर आयुक्तों की राय पूछी है। निगम सूत्रों की मानें तो इसमें आयुक्तों से पूछा गया है कि क्या तीनों निगमों को एक किए जाने से समस्याओं का समाधान हो सकता है। सूत्र बताते हैं कि पूर्वी और उत्तरी निगम की ओर से एकीकरण के पक्ष में राय दी जा रही है। जबकि, दक्षिणी निगम इसके पक्ष में नहीं है। माना जा रहा है कि वित्त आयोग की सिफारिशों में निगमों के इस सुझाव के प्रभावों को भी शामिल किया जा सकता है।