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महात्मा गांधी के विचारों में कई चुनौतियों का जवाब: मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा, गांधी की प्रेरणा से आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य लेकर चल...

महात्मा गांधी के विचारों में कई चुनौतियों का जवाब: मोदी
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीFri, 11 Nov 2022 06:50 PM
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प्रधानमंत्री ने कहा, गांधी की प्रेरणा से आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य लेकर चल रहे

डिंडीगुल (तमिलनाडु), एजेंसी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि गांधीवादी मूल्य बहुत प्रासंगिक होते जा रहे हैं। चाहे संघर्ष को समाप्त करने की बात हो या जलवायु संकट, महात्मा गांधी के विचारों में आज की कई चुनौतियों का जवाब है। गांधीग्राम ग्रामीण संस्थान के 36वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत बनाने का जो लक्ष्य हमने तय किया है वह गांधी के विचारों से प्रेरित है।

मोदी ने कहा, महात्मा गांधी को सबसे अच्छी श्रद्धांजलि उनके दिल के करीबी विचारों पर काम करना है। उन्होंने खादी को गांवों में स्वशासन के औजार के रूप में देखा और उनसे प्रेरित होकर हमारी सरकार देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, खादी को लंबे समय तक उपेक्षित किया गया लेकिन ‘नेशन के लिए खादी से लेकर फैशन के लिए खादी की अपील का असर हुआ और आज यह बहुत लोकप्रिय है। पिछले आठ वर्षों में खादी की बिक्री में 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय फैशन ब्रांड भी खादी को अपना रहे हैं क्योंकि यह पर्यावरण के अनुकूल सामग्री है। प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी चाहते थे कि गांवों का विकास हो और साथ ही उन्होंने ग्रामीण जीवन के मूल्यों के संरक्षण को प्राथमिकता दी। हमारी सरकार का भी दृष्टिकोण ‘आत्मा गांव की, सुविधा शहर की है। लंबे समय तक शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच असमानता बनी रही। लेकिन आज देश इसे सुधार रहा है। गांधी जी के लिए उचित स्वच्छता सुनिश्चित करना एक चिंता थी। इस दिशा में हमारी सरकार ने पूर्ण ग्रामीण स्वच्छता कवरेज, छह करोड़ से अधिक नल के पानी के कनेक्शन और 2.5 करोड़ से अधिक बिजली कनेक्शन प्रदान किए। भारत का भविष्य युवाओं की ‘कैन डू (हम कर सकते हैं) पीढ़ी के हाथों में है। आज स्नातक करने वाले युवाओं को मेरा संदेश है कि आप नए भारत के निर्माता हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज उन सभी महान बुद्धिजीवियों को बधाई देता हूं जिन्होंने आज अपना पाठ्यक्रम पूरा किया है और साथ ही उनके माता-पिता भी जिनके बलिदानों ने आखिरकार इसे संभव बनाया है।

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