ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News NCR नई दिल्लीवायु गुणवत्ता में सुधार होने से भारतीय जी सकते हैं लंबा जीवन

वायु गुणवत्ता में सुधार होने से भारतीय जी सकते हैं लंबा जीवन

नई दिल्ली. दिल्ली में यदि अशुद्ध हवा शुद्ध हो जाए और विश्व स्वास्थ्य संगठन के संबंधित मानकों को पूरा कर लिया जाए तो शहर के निवासियों की आयु में औसतन नौ साल की वृद्धि हो सकती है। यह बात एक अध्ययन में...

वायु गुणवत्ता में सुधार होने से भारतीय जी सकते हैं लंबा जीवन
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीTue, 12 Sep 2017 11:46 PM
ऐप पर पढ़ें

नई दिल्ली. दिल्ली में यदि अशुद्ध हवा शुद्ध हो जाए और विश्व स्वास्थ्य संगठन के संबंधित मानकों को पूरा कर लिया जाए तो शहर के निवासियों की आयु में औसतन नौ साल की वृद्धि हो सकती है। यह बात एक अध्ययन में कही गई है। यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में एनर्जी एंड पॉलिसी इंस्टिटयूट द्वारा विकसित वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक (एक्यूएलआई) के अनुसार भारत में यदि राष्ट्रीय स्तर पर वायु गुणवत्ता के विश्व स्वास्थ्य संगठन मानकों को पूरा कर लिया जाए तो भारतीयों की आयु में औसतन चार साल की बढ़ोतरी हो सकती है। अध्ययन में हवा जनित कणीय पदार्थ प्रदूषण - पीएम 2़5 का संज्ञान लिया गया और देखा गया कि इसकी मात्रा में कमी से लोगों के जीवन चक्र पर क्या असर पड़ सकता है। इसमें कहा गया कि यदि दिल्ली की हवा में पीएम 2़5 के संदर्भ में विश्व स्वास्थ्य संगठन के सालाना 10 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर (भजाण3) के मानक को पूरा कर लिया जाता है तो शहर के लोग नौ साल अधिक जी सकते हैं और यदि राष्ट्रीय राजधानी में 40 भजाण3 के राष्ट्रीय मानक को पूरा किया जाता है तो तब दिल्ली के लोग छह साल अधिक जी सकते हैं। वाहनों और उद्योगों के प्रदाह से उत्पन्न पीएम 2.5 अत्यंत महीन पदार्थ कण होते हैं जिनका आकार 2.5 माइक्रोन से कम होता है। यह मानव की श्वसन प्रणाली और फिर रक्त प्रवाह में प्रवेश कर अपूरणीय क्षति पहुंचा सकते हैं। अध्ययन में कहा गया है, दिल्ली जैसे बड़े शहरों में कुछ बड़े लाभ दिखेंगे। यदि देश अपने राष्ट्रीय मानकों को पूरा करता है तो लोग छह साल अधिक जी सकते हैं और यदि डब्ल्यूएचओ के मानकों को पूरा किया जाता है तो लोग नौ साल अधिक जी सकते हैं। एनर्जी एंड पॉलिसी इंस्टिटयूट के निदेशक माइकल ग्रीनस्टोन ने कहा कि एक्यूएलआई बताता है कि प्रदूषण कण मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा मौजूदा पयार्वरणीय जोखिम हैं। इनसे विश्व के कई हिस्सों में जीवन प्रत्याशा पर उसी तरह का असर पड़ता है जैसे दशकों तक सिगरेट पीने से पड़ता है। विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की सूची में दिल्ली का नंबर बहुत ऊपर है। शहर प्रदूषण से निपटने की तैयारी कर रहा है जो सर्दियों में खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें