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Lockdown 3.0: सबसे ज्यादा असमंजस में दिल्ली के दुकानदार, जानें क्या हैं नियम

लॉकडाउन-3 कुछ राहतों के साथ सोमवार से शुरू हो चुका है। पहले दिन नियमों के भ्रम से लोग परेशान रहे। सबसे ज्यादा असमंजस में दुकानदार दिखे। दिल्ली के अधिकांश रिहायशी इलाकों में दुकानें नहीं खुलीं।...

Lockdown 3.0: सबसे ज्यादा असमंजस में दिल्ली के दुकानदार, जानें क्या हैं नियम
लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 05 May 2020 08:16 AM
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लॉकडाउन-3 कुछ राहतों के साथ सोमवार से शुरू हो चुका है। पहले दिन नियमों के भ्रम से लोग परेशान रहे। सबसे ज्यादा असमंजस में दुकानदार दिखे। दिल्ली के अधिकांश रिहायशी इलाकों में दुकानें नहीं खुलीं। सार्वजनिक परिवहन को लेकर भी परेशानी आई। घरेलू कर्मचारी काम पर नहीं लौट पाए। निजी दफ्तरों में भी उपस्थिति बहुत कम रही। जानें, क्या हैं दिल्ली सरकार के नियम:

शराब की दुकान: राजधानी में 150 दुकानों को खोलने का आदेश दिया गया था। यह सुबह नौ बजे से खुलनी थी। असमंजस यह है कि नियम पालन कराने के लिए दुकानों पर मार्शल की व्यवस्था नहीं थी। दो घंटे में दुकाने बंद हो गईं।

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इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर: सरकार ने इस स्तर में शामिल सभी लोगों को लॉकडाउन तीन में छूट की घोषणा कर दी है। असमंजस है कि अधिकांश लोग अपने घरों को लौट चुके हैं। इस श्रेणी के लोग किसी की दुकान पर काम करते हैं और दुकानें अभी तक बंद हैं।

रिहायशी इलाकों में दुकान: रिहायशी इलाकों में दुकान खोलने की मंजूरी है। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ खोलने के आदेश जारी। लेकिन ज्यादातर दुकान विक्रेताओं ने सोमवार को दुकाने बंद रखी। इसके लिए कोई स्पष्ट जानकारी नहीं थी।

घरेलू सहायिका: घर के काम से जुड़े लोगों को राहत दी गई है। माली, धोबी, मेड अपने काम पर जा सकते हैं। उन्हें नहीं रोका जाएगा। परिवहन का कोई साधन नहीं है। काम करने वालों का कहना है कि अभी तक उन्हें काम पर नहीं बुलाया गया है।

निजी दफ्तर: निजी दफ्तरों को 33% उपस्थिति के साथ खोला जा सकता है। सभी श्रेणी के निजी दफ्तरों को शामिल किया गया है। लेकिन निजी दफ्तरों के पास पूरी जानकारी नहीं थी। अधिकांश कर्मचारी एनसीआर में रहते हैं। बार्डर सील होने से परेशानी हुई।

औद्योगिक क्षेत्र : सभी औद्योगिक क्षेत्र को खोलने की मंजूरी दे दी गई। आवश्यक सेवाओं से जुड़े सभी उद्योगों को खोला जाना था।  'आप' ट्रेड विंग के कन्वीनर बृजेश गोयल ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्रों में भ्रम की स्थिति रही। अधिकांश फैक्ट्री बंद रहीं।

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