भारतीय तटरक्षक बल के पोत 'विग्रह' का जलावतरण
चेन्नई। एजेंसी भारतीय तटरक्षक बल के सातवें अपतटीय गश्ती पोत ''विग्रह'' का यहां कट्टुपल्ली...
चेन्नई। एजेंसी
भारतीय तटरक्षक बल के सातवें अपतटीय गश्ती पोत 'विग्रह' का यहां कट्टुपल्ली में मंगलवार को औपचारिक तौर पर अनावरण किया गया।
रक्षा मंत्रालय ने 2015 में लार्सन एंड टुब्रो कंपनी को सात ऑफशोर पेट्रोलिंग वेसेल (ओपीवी) के निर्माण का ठेका दिया था, जिसमें से अंतिम पोत का मंगलवार अनावरण किया गया। निजी क्षेत्र की किसी कंपनी ने पहली बार ओपीवी जैसे पोत की डिजाइन और निर्माण का काम किया है। परीक्षण के कई चरणों से गुजरने के बाद इसे तटरक्षक बल में शामिल किया जा सकता है। कट्टुपल्ली बंदरगाह पर पोत के अनावरण समारोह में वित्त मंत्रालय में सचिव (व्यय) टीवी सोमनाथन, तटरक्षक बल के महानिदेशक के नटराजन और कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। ऑफशोर पेट्रोलिंग वेसेल लंबी दूरी तय करने वाले पोत होते हैं, जो देश की समुद्री सीमा और द्वीप क्षेत्र में कार्य करने में सक्षम होते हैं।
ओपीवी, हेलीकाप्टरों से लैस होते हैं और समुद्री सीमाओं में निगरानी करने के साथ तस्करी रोकने तथा समुद्री लुटेरों को पकड़ने में सहायक होते हैं। लार्सन एंड टुब्रो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एसएन सुब्रमण्यन ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में तय समय से पहले आईसीजीएस विग्रह का विमोचन किया गया है। इससे यह जल्दी ही तटरक्षक बल में शामिल हो जाएगा। वर्तमान भूराजनीतिक परिप्रेक्ष्य में तटरक्षक बल की भूमिका महत्वपूर्ण है।
ये खासियतें 'विग्रह' को बनाती हैं बेजोड़
- यह एक फ्रंटलाइन ऑफशोर गश्ती पोत (ओपीवी) है।
- विग्रह, 98 मीटर लंबा और 15 मीटर चौड़ा है।
- यह 26 समुद्री मील तक एक निरंतर गति प्राप्त कर सकता है।
- देश की समुद्री सीमा और द्वीप क्षेत्र में कार्य करने में सक्षम है।
- हेलीकॉप्टर से लैस है, जो समुद्री सीमाओं की निगरानी में है सहायक।