JNU के बाद अब जामियां के छात्र भी प्रशासन से मांग रहे अपना हक
जेएनयू के बाद अब जामिया मिल्लिया इस्लामिया में छात्राओं ने हंगामा शुरू कर दिया है। छात्राएं अपने छात्रावासों के बाहर निकलने के समय, खाने की खराब गुणवत्ता के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। छात्राओं की...
जेएनयू के बाद अब जामिया मिल्लिया इस्लामिया में छात्राओं ने हंगामा शुरू कर दिया है। छात्राएं अपने छात्रावासों के बाहर निकलने के समय, खाने की खराब गुणवत्ता के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। छात्राओं की मांग है कि लड़कों की तर्ज पर लड़कियों को भी रात को छात्रावास से बाहर निकलने की आजादी होनी चाहिए। जब तक प्रशासन उनकी मांग नहीं मानेगा, विरोध जारी रहेगा।
जामिया की एमए की छात्रा व प्रदर्शन में शामिल सफूरा सरगर के मुताबिक, विश्वविद्यालय प्रशासन लड़के और लड़कियों में भेदभाव करता है। छात्रों को आधी रात तक हॉस्टल में आने की इजाजत है, लेकिन लड़कियों के हॉस्टल का गेट रात आठ बजे बंद कर दिया जाता है। कैंपस में लैब, सेमिनार आदि में छात्राएं भाग नहीं ले पाती हैं, क्योंकि हॉस्टल से देर शाम लेट होने पर एप्लीकेशन लिखवाने के साथ अभिभावकों को जानकारी दी जाती है। छात्राओं का कहना है कि हम विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए आए हैं, इस पर हम पर पाबंदियाँ लगाना गलत है।
छात्राओं की मांग है कि छात्रावास में रात को वापस आने का समय आठ से बढ़ाकर साढ़े दस बजे करना चाहिए, खाने की गुणवत्ता में सुधार, बाहर से खाना मंगवाने की अनुमति, लैब, सेमिनार या दूसरे हॉस्टल में लेट आने-जाने की अनुमति मिलनी चाहिए। इसके अलावा वार्डन के रवैये में भी सुधार लाया जाए, क्योंकि प्रशासन छात्राओं से बेहद बुरा बर्ताव करता है।