प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार: चुनौतियों से लड़कर हुनर का लोहा मनवाया
प्रधानमंत्री मोदी ने वीर बाल दिवस पर 17 बच्चों को सम्मानित किया, जिनमें उत्तर प्रदेश की सांची अग्रवाल, बिहार की गोल्डी कुमारी और साइकिल चालक आरव भारद्वाज शामिल हैं। सांची ने विभिन्न नृत्य विधाओं में...

- 17 बच्चों की अद्भुत यात्रा से बेहद प्रभावित दिखे प्रधानमंत्री मोदी - यूपी की सांची अग्रवाल जबकि बिहार की गोल्डी कुमारी व सौरव कुमार को भी सम्मान
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। आठ वर्षीय उत्तर प्रदेश के महाराजगंज की सांची अग्रवाल कथक, अर्ध शास्त्रीय नृत्य, शास्त्रीय नृत्य और संस्कृत श्लोक में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर चुकी हैं। इन्होंने इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराया है। जिन 17 बच्चों को वीर बाल दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया, उनमें साक्षी भी शामिल थीं।
प्रधानमंत्री मोदी इन बच्चों से रूबरू हुए, उनसे बात की और इनकी विलक्षण प्रतिभा को सराहा। सांची ने कहा कि वह बचपन से अपनी संस्कृति से जुड़ने को लेकर आतुर थी और निरंतर अभ्यास ने उसे कम उम्र में कई विधाओं में प्रवीण बना दिया।
दिल्ली के 12 वर्षीय साइकिल चालक आरव भारद्वाज ने कारगिल दिवस मनाने के लिए कारगिल युद्ध स्मारक से इंडिया गेट तक 1251 किलोमीटर की यात्रा पूरी की। 2022 में केवल दस साल की उम्र में उन्होंने सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर मणिपुर में आईएनए मेमोरियल से दिल्ली तक 2612 किलोमीटर की यात्रा पूरी की। आरव की रोमांच भरी यात्रा का वृतांत सुनकर सभी रोमांचित हो उठे।
बिहार के नालंदा की 16 वर्षीय गोल्डी कुमारी दिव्यांग हैं लेकिन उनके सपनों की उड़ान और हिम्मत ने खेल के मैदान में बड़े-बड़े विरोधियों को चारों खाने चित कर दिया। पीएम मोदी गोल्डी की प्रतिभा से काफी प्रभावित दिखे। शॉटपुट खिलाड़ी गोल्डी ने कम उम्र में ही कई खिताब अपने नाम किए हैं। बिहार के ही नौ वर्षीय सौरव कुमार को वीरता श्रेणी में पुरस्कृत किया गया। सौरव ने तीन लड़कियों को डूबने से बचाया। इसी श्रेणी में 17 वर्षीय इओना थापा को एक फ्लैट में 36 निवासियों को आग से बचाने के लिए सम्मानित किया गया।
महज तीन साल के शतरंज खिलाड़ी अनीश सरकार ने 1555 की प्रभावशाली रेटिंग के साथ दुनिया के सबसे कम उम्र के एफआईडीई रैंक वाले खिलाड़ी के रूप में इतिहास दर्ज किया।
छत्तीसगढ़ के कोडगांव की 15 वर्षीय हेमबती नक्सल प्रभावित इलाके से आती हैं लेकिन वे कहती हैं कि चुनौतियों से लड़ना उनको आता है। आईटीबीपी ने उन्हें प्रशिक्षित किया। वह इंडिया गेम्स में रजत जीतने में सफल हुईं। उन्हें खेल क्षेत्र में पुरस्कृत किया गया है। जिन 17 बच्चों को सम्मान मिला उन सभी ने अलग-अलग क्षेत्रों में अपने हुनर का लोहा मनवाया है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।