अगस्त में खाने-पीने की चीजों के दामों में रही तेजी
- बीते महीने औसत महंगाई दर बढ़कर हुई 2.07 प्रतिशत, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में

बीते महीने औसत महंगाई दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सब्जियों, मांस -मछली, तेल, वसा, व्यक्तिगत देखभाल, पेय पदार्थ, अंडे आदि उत्पादों की कीमतों में तेजी देखी गई, जिसका असर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) और उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) पर देखने को मिला। अगस्त में सीपीआई 2.07 प्रतिशत रही है जो जुलाई में 1.61 प्रतिशत दर्ज की गई थी। जुलाई के मुकाबले अगस्त में सीपीआई में .46 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के हिसाब से कीमतों में तेजी का असर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में देखने को मिला है।
ग्रामीण क्षेत्र की सीपीआई जुलाई के मुकाबले अगस्त में 1.18 से बढ़कर 1.69 प्रतिशत रही है। जबकि शहरी क्षेत्र में 2.10 प्रतिशत से बढ़कर 2.47 प्रतिशत हो गई है। वहीं, सीएफपीआई आधारित खाद्य महंगाई जुलाई के मुकाबले 1.07 अंकों की तेजी आई है जो जुलाई में -1.76 प्रतिशत थी लेकिन अगस्त में बढ़कर -0.69 प्रतिशत पर पहुंच गई। सीपीआई ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों क्रमशः -0.70 और -0.58 प्रतिशत रही हैं। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर अरुण कुमार कहते हैं कि मानसून के मौसम में कई राज्यों में लगातार बारिश होने से फसलों का नुकसान हुआ है। वैसे भी बारिश के मौसम में फसले खराब होती है, जिससे आवक में गिरावट आने पर सब्जियों व अन्य खाद्य वस्तुओं के दामों में तेजी आती है। यही कारण है कि अप्रैल में महंगाई दर में उछाल आया है। इस बार बारिश काफी हुई है, जिसका असर सितंबर की महंगाई दर में भी देखने को मिल सकता है। ------ केरल में सबसे अधिक महंगाई आंकड़े बताते हैं कि अगस्त में जिन पांच राज्यों में औसत महंगाई दर सबसे अधिक रही है, उनमें केरल अव्वल है। केरल में महंगाई दर 9.04 प्रतिशत रही है। इसके बाद कर्नाटक 3.81, जम्मू-कश्मीर 3.75, पंजाब 3.51 और तमिलनाडु में औसत महंगाई दर 2.93 प्रतिशत रही है।
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