सेंसेक्स की छलांग, निफ्टी की रिकॉर्ड गिरावट पर विराम
मुंबई के शेयर बाजार में बुधवार को तेजी आई, बीएसई सेंसेक्स 740 अंक चढ़कर 73,730.23 अंक पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी में भी 254.65 अंक की बढ़त देखी गई। अमेरिकी सरकार द्वारा शुल्कों में राहत की संभावना के...

मुंबई, एजेंसी। स्थानीय शेयर बाजार में बुधवार को जोरदार तेजी आई और दोनों मानक लंबी छलांग लगा गए। बीएसई सेंसेक्स जहां 740 अंक चढ़ गया, वहीं एनएसई निफ्टी में 10 दिन से जारी गिरावट पर विराम लगा। निचले स्तर पर बिजली और अन्य शेयरों में लिवाली से बाजार में रौनक लौटी। जानकारों के अनुसार, अमेरिकी कॉमर्स सेक्रेटरी ने संकेत दिया है कि ट्रंप सरकार कुछ शुल्कों में राहत दे सकती है, खासतौर पर कनाडा और मैक्सिको से आने वाले उत्पादों पर टैक्स में कटौती संभव है। इस घोषणा के बाद वैश्विक बाजार में सकारात्मक रुख देखने को मिला, जिससे भारतीय बाजार में भी तेजी आई। अमेरिका द्वारा चीन, मैक्सिको और कनाडा पर लगाए गए भारी शुल्क भारतीय निर्यातकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इससे भारतीय कृषि उत्पादों, मशीन टूल्स, कपड़ा, रसायन और चमड़ा उत्पादों की अमेरिकी बाजार में मांग बढ़ने की उम्मीद है, जिससे भारत को व्यापारिक लाभ मिल सकता है।
सेंसेक्स 740.30 अंक की छलांग के साथ 73,730.23 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 943.87 अंक तक चढ़ गया था। निफ्टी 254.65 अंक की बढ़त के साथ 22,337.30 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 312.25 अंक तक चढ़ गया था।
सेंसेक्स में शामिल शेयरों में अदाणी पोर्ट्स, टाटा स्टील, पावर ग्रिड, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एनटीपीसी, टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, आईटीसी, नेस्ले इंडिया, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, भारती एयरटेल, भारतीय स्टेट बैंक, एशियन पेंट्स और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में प्रमुख रूप से तेजी रही। दूसरी तरफ बजाज फाइनेंस, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक और जोमैटो के शेयरों में गिरावट रही।
एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट, हांगकांग का हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी बढ़त के साथ बंद हुए। यूरोपीय बाजारों में दोपहर कारोबार में तेजी का रुख था। वॉल स्ट्रीट मंगलवार को नुकसान में रहा था।
भारतीय बाजारों में तेजी की पांच प्रमुख वजहें
1. शार्ट कवरिंग: 19 सत्रों में लगातार बिकवाली के बाद विदेशियों समेत बड़े निवेशकों की शार्ट कवरिंग।
2. डॉलर इंडेक्स: अमेरिकी मुद्रा सूचकांक दो दिन में लुढ़कता हुआ 2023 के निचले स्तर पर आया।
3. अमेरिकी बॉन्ड: अमेरिकी बॉन्ड बाजार में ऊंचे स्तरों पर मुनाफावसूली से विदेशियों के लौटने की उम्मीद जगी।
4. अमेरिकी महंगाई: निवेशकों को उम्मीद है ट्रंप के शुल्कों से वहां महंगाई बढ़ेगी और फेड को राहत देनी पड़ेगी।
5. जवाबी शुल्क: अमेरिकी बाजारों में भारी बिकवाली जारी है, इससे ट्रंप शुल्कों में नरमी के लिए मजबूर हो सकते हैं।
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