राजनयिकों की सुरक्षा हो तो कनाडा में वीजा सेवाएं शुरू करेगा भारत : जयशंकर
भारत-कनाडा के संबंधों में आई तनातनी के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि अगर कनाडा में भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा में प्रगति नजर आती है, तभी...

- सुरक्षा कारणों से पिछले महीने कनाडा में वीजा सेवाएं की गई थीं स्थगित
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। भारत-कनाडा के संबंधों में आई तनातनी के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि अगर कनाडा में भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा में प्रगति नजर आती है, तभी वहां के नागरिकों को वीजा जारी करने का कार्य फिर से शुरू किया जा सकता है। भारत ने सुरक्षा कारणों के चलते पिछले महीने कनाडा में वीजा सेवाएं स्थगित कर दी थीं। जयशंकर ने यहां रविवार को कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन में ये बातें कहीं।
भारत-कनाडा के बीच संबंध कठिन दौर से गुजर रहे
वरिष्ठ अर्थशास्त्री एनके सिंह के प्रश्न के जवाब में जयशंकर ने कहा कि कनाडा के राजनयिकों द्वारा नई दिल्ली के मामलों में हस्तक्षेप पर चिंताओं के मद्देनजर भारत ने कनाडा के राजनयिकों की मौजूदगी में समानता के प्रावधान को लागू किया। जयशंकर ने कहा कि भारत और कनाडा के बीच संबंध अभी कठिन दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत को कनाडा की राजनीतिक के कुछ हिस्सों से समस्या है। बता दें कि एक खालिस्तानी आतंकी की हत्या को लेकर कनाडा सरकार के आरोपों के बाद भारत ने सुरक्षा कारणों से वहां वीजा सेवाएं रोक दी थीं। लेकिन जयशंकर ने कहा कि यदि हमारे राजनयिकों की सुरक्षा में प्रगति दिखाई देती है तो हम वहां फिर से वीजा सेवाएं शुरू करना चाहेंगे।
आंतरिक मामलों में दखल दे रहे थे कनाडाई राजनयिक
राजनयिकों की संख्या को कम करने के बारे में जयशंकर ने कहा कि वियना संधि में राजनयिक समानता का प्रावधान किया गया है। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि कनाडाई राजनयिकों द्वारा लगातार हमारे मामलों में हस्तक्षेप किया जा रहा था। इसलिए यह कदम प्रासंगिक है। मालूम हो कि भारत के हस्तक्षेप के बाद कनाडा ने अपने 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया है। भारत ने इसके लिए 20 अक्तूबर की समय सीमा निर्धारित की थी। कनाडा ने इसे अंतरराष्ट्रीय नियमों के विरुद्ध बताया है।
कोई भी खतरा अब बहुत दूर नहीं
इसी कार्यक्रम में इससे पहले जयशंकर ने कहा कि कोई भी ऐसी अपेक्षा कि संघर्ष और आतंकवाद के दुष्प्रभाव को रोका जा सकता है, अब संभव नहीं है। विदेश मंत्री ने कहा कि कोई भी खतरा अब बहुत दूर नहीं है। उन्होंने दुनियाभर में हो रही भू-राजनीतिक उथल-पुथल के संबंध में कहा कि पश्चिम एशिया में अभी जो हो रहा है, उसका प्रभाव अभी भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। विदेश मंत्री ने रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव का हवाला देते हुए कहा कि दुनिया में विभिन्न संघर्षों के परिणामों का असर नजदीकी भौगोलिक क्षेत्रों से कहीं अधिक दूर तक देखा जा रहा है। उन्होंने कहा, विभिन्न क्षेत्रों में छोटी-छोटी घटनाएं होती रहती हैं, जिनके प्रभाव की अनदेखी नहीं की जा सकती है। जयशंकर ने हिंसा के विभिन्न रूपों से निपटने संबंधी चुनौती के बारे में कहा कि इसका एक कम औपचारिक संस्करण भी है, जो बहुत व्यापक है। मैं आतंकवाद के बारे में बात कर रहा हूं, जिसे लंबे समय से शासन कला के एक औजार के रूप में विकसित किया गया है।
