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अंकों के जोड़ में गलतियां है तो मूल्यांकन में कितनी होंगी

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा पुनर्मूल्यांकन नीति को समाप्त करने के मसले पर सोमवार को हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया। हाईकोर्ट ने अखबारों में प्रकाशित खबरों का हवाला देते हुए कहा कि...

अंकों के जोड़ में गलतियां है तो मूल्यांकन में कितनी होंगी
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीMon, 19 Jun 2017 11:20 PM
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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा पुनर्मूल्यांकन नीति को समाप्त करने के मसले पर सोमवार को हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया। हाईकोर्ट ने अखबारों में प्रकाशित खबरों का हवाला देते हुए कहा कि सीबीएसई ने कुल अंको के जोड़ में गलतियां की हैं और सत्यापन के बाद उसे सही किया गया। जस्टिस संजीव सचदेवा की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि खबरों से स्पष्ट है कि जिन छात्रों ने बोर्ड की परीक्षा के अंको का सत्यापन कराया, उनके प्राप्तांकों में 35-45 अंकों की बढ़ोत्तरी हुई है। इससे सहज आंदाजा लगाया जा सकता है कि जब अंको के जोड़ में गलतियां हैं, तो मूल्यांकन में कितनी हुई होंगी। पीठ ने इसे गंभीरता से लेते हुए सीबीएसई से पुनर्मूल्यांकन नीति को समाप्त करने वाली गवर्निंग बॉडी व परीक्षा समिति के फैसले की प्रति पेश करने को कहा है। साथ ही 12 कक्षा में अंक देने की नीति भी पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 21 जून को होगी। इससे पहले हाईकोर्ट ने कहा था कि सीबीएसई को अपनी पुनर्मूल्यांकन नीति को समाप्त नहीं करना चाहिए क्योंकि उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने में कई बार गलतियां पाई जाती हैं। हाईकोर्ट ने सऊदी अरब के छात्र सहित राजधानी के अन्य छात्रों की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया है। याचिका में सीबीएसई द्वारा पुनर्मूल्यांकन नीति को खत्म करने को चुनौती दी है। छात्रों ने कहा है कि उन्हें अपेक्षा से कम अंक मिले हैं।

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