खेल : हरमनप्रीत के दम पर भारत ने पेरिस में फहराया परचम
भारतीय हॉकी टीम ने स्पेन को 2-1 से हराया, हरमनप्रीत सिंह ने दो गोल दागे। कप्तान सिंह ने दागे दोनों गोल, भारत ने लगातार दूसरी बार कांस्य पदक जीता।
शोल्डर : भारतीय हॉकी टीम ने कांसे के मुकाबले में स्पेन को 2-1 से पराजित किया, कप्तान सिंह ने पिछड़ने के बाद दागे दोनों गोल पेरिस, एजेंसी। हरमनप्रीत सिंह के दोहरे धमाके से भारतीय हॉकी टीम ने लगातार दूसरी बार कांस्य पदक जीतकर देशवासियों को एक बार फिर जश्न मनाने का मौका दिया। इस जीत ने सेमीफाइनल में जर्मनी के हाथों मिली हार का गम भी कम दिया। हरमनप्रीत सिंह की टीम ने गुरुवार को कांसे के मुकाबले में स्पेन को पिछड़ने के बाद 2-1 से पराजित किया। इस जीत ने पहलवान विनेश फोगाट को फाइनल से पहले अयोग्य करार देने से देश भर में छाई मायूसी को दूर करने का प्रयास किया। इस जीत के हीरो एक बार फिर 36 वर्षीय गोलकीपर पीआर श्रीजेश रहे। उन्होंने अंतिम क्षणों में स्पेन को पेनाल्टी कॉर्नर पर गोल करने से रोका। इसके साथ ही उनके चमकदार करियर का अंत हो गया।
हरमनप्रीत के तीन मिनट में दो गोल : भारतीय टीम के लिए दोनों गोल हरमनप्रीत सिंह ने तीन मिनट के भीतर पेनाल्टी कॉर्नर पर दागे। उन्होंने पहले 30वें मिनट में गोल कर टीम को बराबरी दिलाई। उसके बाद 33वें मिनट गोल कर उसे 2-1 से आगे कर दिया। उसकी यह बढ़त निर्णायक साबित हुई। स्पेन को मार्क मिरालेस ने 18वें मिनट में ही गोल कर बढ़त दिला दी थी।
कप्तान ने संभाला मोर्चा : कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने पूरे ओलंपिक में मोर्चा संभाले रखा। उन्होंने सभी आठ मैच में गोल दागे। पंजाब के अमृतसर जिले के तिम्मोवाल गांव के 28 वर्षीय ड्रैग फ्लिकर ने पूरे टूर्नामेंट में 11 गोल दागे। लगातार तीसरी बार ओलंपिक में खेल रहे हरमनप्रीत ने पहली बार इन खेलों में टीम की कमान संभाली।
पहला क्वार्टर में गोल नहीं : सेमीफाइनल में नीदरलैंड्स से चार गोल से हारने वाली स्पेनिश टीम ने आक्रामक शुरुआत की। पहले क्वार्टर में भारत को एक भी पेनाल्टी कॉर्नर नहीं बनाने दिया। भारत के पास छठे मिनट में खाता खोलने का मौका था जब हार्दिक ने सर्कल पर से डी के भीतर सुखजीत सिंह को पास दिया लेकिन वह सही निशाना नहीं साध सके। स्पेन के लिए 10वें मिनट में मोस मारिया बास्टेरा के शॉट का हरमनप्रीत ने बचाव किया। पहले क्वार्टर तक कोई टीम गोल नहीं कर सकी।
मिरालेस ने खोला खाता : दूसरे क्वार्टर में स्पेन को 18वें मिनट में पेनाल्टी स्ट्रोक मिला जिस पर मिरालेस ने आसानी से गोल कर दिया। स्पेन को दो मिनट बाद पेनाल्टी कॉर्नर भी मिला लेकिन रोहिदास ने जबर्दस्त बचाव किया। रोहिदास ने खास तौर पर डिफेंस में बेहतरीन प्रदर्शन किया जिनकी कमी जर्मनी के खिलाफ सेमीफाइनल में उनके प्रतिबंधित होने के कारण खली थी। स्पेन की टीम 25वें मिनट में एक और गोल करने के करीब पहुंची जब गेरार्ड क्लापेस ने सुमित से गेंद छीनी और श्रीजेश के ठीक सामने उन्हें चकमा देकर गोल के भीतर डालने की कोशिश की और भारतीय टीम भाग्यशाली रही कि उनका निशाना ठीक नहीं लगा ।
हरमन ने दिलाई बराबरी : स्पेन को दो मिनट बाद मिला पेनाल्टी कॉर्नर भी बचा लिया गया। भारत को मैच का पहला पेनाल्टी कॉर्नर 28वें मिनट में मिला लेकिन रोहिदास गोल नहीं कर सके। हाफटाइम से कुछ सेकंड पहले मिले पेनाल्टी कॉर्नर पर गोल करके हरमनप्रीत ने भारत को बराबरी दिलाई। ब्रेक के बाद भारतीय टीम आक्रामक तेवरों के साथ उतरी और तीसरे ही मिनट में मिले पेनाल्टी कॉर्नर को तब्दील करके हरमनप्रीत ने 2-1 से बढ़त दिला दी। दो मिनट बाद जवाबी हमले में स्पेन को मिले पीसी पर मिरालेस गोल नहीं कर सके। वहीं भारत को 37वें और स्पेन को 40वें मिनट में मिला पेनाल्टी कॉर्नर बेकार गया। आखिरी पंद्रह मिनट में सुखजीत ने फिर एक मौका गंवाया जबकि स्पेन को 59वें मिनट में दो और फिर आखिरी मिनट में मिले दो और पेनाल्टी कॉर्नर बेकार गए।
--------------
नंबर गेम
-4 पदक अब तक भारत ने पेरिस ओलंपिक में जीते हैं। इनमें तीन निशानेबाजों के दिलाए हैं
-13वां पदक (8 स्वर्ण, 1 रजत, 4 कांस्य) है यह भारत का ओलंपिक खेलों में अब
-52 साल बाद टीम ने लगातार दूसरी बार खेलों के महाकुंभ में कांस्य पदक जीता। इससे पहले 1968 मैक्सिको और 1972 म्यूनिख में ऐसा किया था
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।