Hindi Newsएनसीआर न्यूज़नई दिल्लीHindenburg Accuses SEBI Chief and Husband of Involvement in Adani Offshore Funds

अपडेट 2 ::: हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में सेबी प्रमुख पर गंभीर आरोप

अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर अदानी मामले में आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों की ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। सेबी ने इस पर कोई टिप्पणी...

अपडेट 2 ::: हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में सेबी प्रमुख पर गंभीर आरोप
Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 10 Aug 2024 06:22 PM
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सेवी प्रमुख और पति की अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी सेबी की ओर से इस पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है

नई दिल्ली, एजेंसी। अमेरिका की रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग ने शनिवार को अपनी नई रिपोर्ट में सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच पर गंभीर आरोप लगाए हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच का नाम कथित अदानी मामले में जुड़ा है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार इन दोनों की अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। हालांकि सेबी की ओर से इस पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है। इससे पहले हिंडनबर्ग रिसर्च ने सुबह सोशल मीडिया मंच एक्स पर ऐलान किया था कि भारत में कुछ बड़ा होने वाला है।

हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर अपनी पिछली रिपोर्ट के 18 माह बाद एक ब्लॉग पोस्ट में आरोप लगाया, सेबी ने अडानी के मॉरीशस और ऑफशोर शेल कंपनियों के कथित अघोषित जाल में रुचि नहीं दिखाई, जो आश्चर्यजनक है। दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा गया कि सेबी की वर्तमान प्रमुख माधवी बुच और उनके पति धवल बुच के पास अडानी धन मामले में इस्तेमाल किए गए दोनों अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। इसमें गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी ने काफी मात्रा में पैसा लगाया गया था। विनोद अडानी समूह की कंपनियों के चेयरमैन हैं।

हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने आरोपों में कहा कि अप्रैल 2017 से लेकर मार्च 2022 के दौरान माधबी पुरी बुच सेबी की पूर्ण सदस्य होने के साथ चेयरपर्सन भी थीं। उनका सिंगापुर में अगोरा पार्टनर्स नाम से कंसलटिंग फर्म में 100 फीसदी स्टेक था। 16 मार्च 2022 को सेबी के चेयरपर्सन नियुक्ति किए जाने से दो हफ्ते पहले उन्होंने कंपनी में अपने शेयर्स अपने पति के नाम ट्रांसफर कर दिए।

बीते साल भी एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी

बता दें कि बीते वर्ष हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें शेयरों के दामों में हेराफेरी का आरोप लगाया गया था। रिपोर्ट के बाद समूह के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली थी। हालांकि, बाद में इसमें तेजी लौट आई थी। इस रिपोर्ट को लेकर भारतीय शेयर बाजार रेगुलेटर सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने हिंडनबर्ग को 46 पेज का कारण बताओ नोटिस भी भेजा था।

1 जुलाई, 2024 को अपने एक ब्लॉग पोस्ट में हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि नोटिस में बताया गया है कि उसने नियमों का उल्लंघन किया है। कंपनी ने कहा, सेबी ने आरोप लगाया है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में गुमराह करने के लिए कुछ गलत बयान शामिल किए गए हैं। इसका जवाब देते हुए हिंडनबर्ग ने सेबी पर ही कई तरह के आरोप लगाए थे।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था मामला, मिली थी राहत

बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। उच्चतम न्यायालय ने सेबी की रिपोर्ट को सही बताते हुए अडानी समूह को राहत दी थी। कोर्ट ने कहा था कि वह नियामकीय व्यवस्था के दायरे में नहीं आ सकता और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट या ऐसी कोई भी चीज अलग से जांच के आदेश का आधार नहीं बन सकती। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह साबित करने का कोई आधार नहीं है कि सेबी ने कदम उठाने में ढिलाई बरती। शीर्ष अदालत ने अडानी समूह की ओर से शेयर के दामों में हेरफेर के आरोपों की जांच एसआईटी या सीबीआई से कराने की मांग खारिज कर दी थी।

क्या है हिंडनबर्ग रिसर्च?

हिंडनबर्ग रिसर्च अमेरिका की एक फोरेंसिक वित्तीय अनुसंधान कंपनी है। इसकी स्थापना साल 2017 में नाथन एंडरसन ने की थी। इस कंपनी का काम इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स का विश्लेषण करना है। यह किसी भी कंपनी में हो रही गड़बड़ी का पता लगाती है। इसके बाद उस कंपनी और गड़बड़ी की रिपोर्ट प्रकाशित करती है।

ऑफशोर फंड क्या है?

ऑफशोर फंड्स विदेशी बाजार में निवेश करने वाली म्यूचुअल फंड की स्कीम है. इन्हें इंटरनेशनल फंड्स भी कहा जाता है। ऑफशोर निवेश का मतलब है कि कोई भी निवेश गतिविधि किसी दूसरे देश, स्थान या अधिकार क्षेत्र में होती है।

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