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ई-कचरा निष्पदान की योजना बताए सरकार और निगम

राजधानी सहित देशभर में तेजी से बढ़ते ई-कचरा और इसके निष्पादन के लिए कोई ठोस योजना नहीं होने पर हाईकोर्ट ने बुधवार को गंभीर चिंता व्यक्त की। हाईकोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए केंद्र व दिल्ली सरकार...

ई-कचरा निष्पदान की योजना बताए सरकार और निगम
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 14 Mar 2018 11:11 PM
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राजधानी सहित देशभर में तेजी से बढ़ रहे ई-कचरे के निष्पादन के लिए ठोस योजना नहीं होने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को गंभीर चिंता जताई। हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी. हरि. शंकर की पीठ ने इनके अलावा दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, तीनों निगम और छावनी परिषद से भी जवाब मांगा है। पीठ ने सभी पक्षों से यह बताने को कहा कि उनके पास ई-कचरा के निष्पादन के कोई योजना है। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि बड़ी हैरानी की बात है कि आने वाले समय में गंभीर समस्या बनने वाले ई-कचरे के बारे में सरकार और स्थानीय निकाय की सोच स्पष्ट नहीं है।

हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकार और स्थानीय निकायों को वक्त रहते इस संबंध में ठोस योजना बनानी पड़ेगी। कोर्ट ने कहा कि बड़े पैमाने पर लोग कंप्यूटर, मोबाइल फोन, टीवी, फ्रीज और अन्य इलेक्ट्रोनिक सामानों का उपयोग करते हैं। हाईकोर्ट ने सवाल किया कि आखिर पुराने होने पर ये सभी ई-कचरा कहां जाता है। इनका क्या इस्तेमाल होता है। मामले की सुनवाई के दौरान निगम ने कहा कि ई-कचरा का निष्पादन करने की जिम्मेदारी प्रदूषण नियंत्रण की है। इस पर पीठ ने कहा कि ठोस कचरा प्रबंधन और ई-कचरा प्रबंधन दोनों काम स्थानीय निकाय का है। हाईकोर्ट ने यह आदेश अधिवक्ता अर्पित भार्गव और गौरी ग्रोवर की ओर से डेंगू चिकनगुनियां पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया है।

दिल्ली की साफ-सफाई पर रिपोर्ट मांगा

हाईकोर्ट ने इस मामले में नियुक्त न्याय मित्र को दिल्ली के विभिन्न इलाकों में दौरा करने और साफ-सफाई की स्थिति की रिपोर्ट पेश करने को कहा है। सुनवाई 11 अप्रैल को होगी। निगम की ओर से अधिवक्ता ने पीठ को बताया कि इस वर्ष 14 मार्च तक डेंगू-चिकनगुनिया के 9 मामले सामने आए हैं। अभी से घरों में दवाइयों का छिड़काव शुरू कर दिया गया। साथ ही 2017 में 15 लाख घरों में दवाइयों का छिड़काव किया गया था।

कूड़ा जलाने वाले 700 का चालान

उत्तरी निगम ने पीठ को बताया कि कूड़ा जलाने के आरोप में 700 लोगों का चालान किया गया है। इससे 14 लाख रुपये वसूले गए हैं। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि यदि चालान करने से ही पैसे मिल रहे हैं तो यह अच्छा है। इससे निगम को अपने सफाई कर्मचारियों को वेतन देने में भी परेशानी नहीं होगी।

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